Prayagraj News: मुख्तार अंसारी की जमानत पर हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला, क्या 31 मई को मिलेगी रिहाई?

Prayagraj News: विधायक निधि गबन के मामले में जेल में निरुद्ध बाहुबली मुख्तार अंसारी की जमानत पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. 31 मई को अब इस मामले में फैसला सुनाया जाएगा.

By Prabhat Khabar | May 21, 2022 10:23 AM

Prayagraj News: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High court) ने विधायक निधि गबन के मामले में जेल में निरुद्ध बाहुबली मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई की. दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. 31 मई को अब इस मामले में फैसला सुनाया जाएगा. जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की.

कोर्ट में दी गई साक्ष्य न होने की दलील

याची मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि, एक स्कूल के लिए विधायक निधि से धन देना कोई अपराध नहीं है. यह जनहित का काम है और शिक्षा से जुड़ा है. अधिवक्ता द्वारा कोर्ट में तर्क दिया गया कि इसमें याची ने गबन करने के लिए कोई आपराधिक षड्यंत्र नहीं किया है और इसका संबंध में कोई साक्ष्य भी नहीं है.

मुख्तार ने नहीं किया विधायक निधि का दुरुपयोग- वकील

अधिवक्ता ने कोर्ट से कहा कि विधायक निधि का पैसा देना मुख्य विकास अधिकारी का काम है. याची को सिर्फ संभावना के आधार पर झूठा फंसाया जा रहा है. इसमें विधायक की कोई भूमिका नहीं होती है. गौरतलब है कि इस संबंध में मऊ के जिलाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर यह सिद्ध हो चुका है कि याची के विधायक निधि से निकाले गए धन से स्कूल का निर्माण किया गया है. विधायक निधि का दुरुपयोग नहीं किया गया है.

वहीं दूसरी ओर जिस ने विधायक निधि के पैसे से स्कूल का निर्माण कराया था, उन्हें मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है, और इसके साथ ही जिन्होंने विधायक निधि का आवंटन किया था उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.

याची के अधिवक्ता का कहना है कि उसे जानबूझकर इस मामले में 6 साल बाद फंसाया गया है. वहीं मामले में अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी और अपर शासकीय अधिवक्ता रतनेंदु सिंह ने याची की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि मामले में सह आरोपी और स्कूल का प्रबंधक आनंद यादव कई मामलों में याची के साथ आरोपी है.

मुख्तार अंसारी की जमानत पर फैसला सुरक्षित

महाधिवक्ता ने कहा कि स्कूल को जिस भूमि पर बनाया जाना था उसे वहां न बनाकर कहीं और बनाया गया. याची और स्कूल के प्रबंधक आनंद यादव के मिलीभगत के बगैर यह कार्य नहीं किया जा सकता था. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याची मुख्तार अंसारी की जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया है.

रिपोर्ट- एसके इलाहाबादी

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