Prayagraj News: कोर्ट ने जमानत की फाइलों में देरी होने पर जताई नाराजगी, समय से पहुंचाने के दिए निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पॉक्सो एक्ट समेत अन्य मामलों में जमानत अर्जी समय पर कोर्ट पहुंचाने के लिए नव नियुक्त महाधिवक्ता को निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि इससे कोर्ट को सहयोग मिलने के साथ ही कोर्ट के कीमती समय की बचत भी हो सकेगी.

By Prabhat Khabar | May 18, 2022 8:09 AM

Prayagraj News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पॉक्सो एक्ट समेत अन्य मामलों में जमानत अर्जी समय पर न पहुंचाने पर नाराजगी जताई. कोर्ट ने समय पर अर्जी पहुंचाने को लेकर नव नियुक्त महाधिवक्ता को निर्देश दिया है. न्यायालय ने कहा कि ऐसा करने से कोर्ट को सहयोग मिलेगा साथ ही समय की भी बचत होगी. हाईकोर्ट ने कहा कि महाधिवक्ता का कार्यालय पास में ही है फिर भी कोर्ट तक फाइल पहुंचने में समय लग रहा है, जिसका तत्काल संज्ञान लिया जाए.गाइडलाइंस का पालन करने का निर्देश

कोर्ट ने गाइडलाइंस का पालन करने का दिया निर्देश

दरअसल, शोएब केस में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जमानत मामलों की जारी गाइडलाइंस का पालन करने का निर्देश दिया था. एक हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया गया था कि पॉक्सो एक्ट के अभियुक्त की जमानत अर्जी की फाइल एक दिन पहले सभी अपर शासकीय अधिवक्ताओं को प्राप्त करने के निर्देश दिये गए हैं. जिससे उन्हें मामले के संबंध में तैयारी करने का पर्याप्त समय मिल सके और वह अदालत में पक्ष रख सकें. इससे कोर्ट की गाइडलाइन और समय दोनों की बचत होगी.

हाईकोर्ट ने आदेश की प्रति महाधिवक्ता को दिए जाने के साथ ही कहा गया कि यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला है. इसमें विलंब नहीं किया जाना चाहिए. कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए जुनैद के पॉक्सो एक्ट मामले में जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए कहा कि अभियुक्त की जमानत अर्जी की पीड़ित पक्ष को त्वरित जानकारी देने और उसे नि:शुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराने के निर्देशों पर भी ठीक से अमल नहीं किया जा रहा है.

30 मई को मामले में अगली सुनवाई

मामले में विधिक सेवा समिति हाईकोर्ट के अधिवक्ता ने इस संबंध में जानकारी देने की मांग की. यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने संजय कुमार उर्फ पिंटू की जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है. गौरतलब है कि मामले में पीड़ित पक्ष की तरफ से पक्ष नहीं रखा गया. जिसपर कोर्ट ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और विधिक सेवा समिति हाईकोर्ट को इस मामले में निर्देश देते हुए कहा कि, पीड़िता को बाल कल्याण समिति की रिपोर्ट दी जाए. साथ ही जमानत अर्जी दाखिल होने की सूचना के साथ नि:शुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराने के साथ ही संरक्षण भी प्रदान किया जाए. मामले में अगली सुनवाई 30 मई को होगी.

रिपोर्ट- एसके इलाहाबादी

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