इलाहाबाद में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जब मिले आडवाणी-जोशी तो शुरू हो गया कयासों का दौर

इलाहाबाद : भारतीय जनता पार्टी उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पूर्व संगम नगरी इलाहाबाद में अपनी कार्यकारिणी की बैठक कर रही है. आजादी के पहले देश की राजनीति इलहाबाद से संचालित होती थी, आज भाजपा वहां से देश के सबसे बड़े सूबे में विजय पताका फहराने के लिए रणनीति तैयार कर रही है. मिशन यूपी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 13, 2016 11:31 AM

इलाहाबाद : भारतीय जनता पार्टी उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पूर्व संगम नगरी इलाहाबाद में अपनी कार्यकारिणी की बैठक कर रही है. आजादी के पहले देश की राजनीति इलहाबाद से संचालित होती थी, आज भाजपा वहां से देश के सबसे बड़े सूबे में विजय पताका फहराने के लिए रणनीति तैयार कर रही है. मिशन यूपी के लिए कल भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अपने नेताओं को घुट्टी पिलायी, वे उत्तरप्रदेश के सभी पार्टी सांसदों से भी वार्ता करेंगे, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भाजपा कार्यकारिणी को संबोधित करने के साथ एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे. अबतक इलाहाबाद में भाजपा कार्यकारिणी की प्रमुख गतिविधियों की झलकियां इस प्रकार हैं:

1. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार सुबह कान्हाश्याम होटल में यूपी भाजपा के प्रमुख नेताओं की बैठक ली. इस बैठक में भाजपा ने माना कि प्रदेश में जीत का माहौल तैयार है, उसे सिर्फ भुनाने की जरूरत है. इसके लिए सपा के कुशासन और बसपा के भ्रष्टाचार को निशाना बनाने की रणनीति तय हुई. तय हुआ कि यूपी में कानून व्यवस्था को ही सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया जायेगा. अगले चरण में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर संगठन के दृष्टिकोण से अगले तीन महीने को अहम माना गया. समापन सत्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संबोधित किया. नयी कार्यकारिणी में उत्तरप्रदेश को बेहतर प्रतिनिधित्व देने की उम्मीद भी जगी है.

2. भाजपा के दो बुजुर्ग नेताओं का मिलन भी भाजपा के युवा नेतृत्व में हलचल पैदा कर गया. लालकृष्ण आडवाणी और डॉ मुरली मनोहर जोशी एक ही होटल में ठहरे हैं. दोनों नेता सिविल लाइंस के लीजेंड होटल में हैं और दोनों का सूइट भी आसपास ही है. आडवाणी सूइट नंबर 401 तो जोशी 405 में ठहरे हैं. कल जब आडवाणी आये थे, जोशी ने स्वयं उनका स्वागत किया और फिर दोनों नेताओं ने 15 मिनट तक अकेले में वार्ता की. उनकी इस वार्ता से कयासों का दौरा शुरू हो गया, हालांकि उन्होंने मीडिया के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया.

3. भले ही भाजपा नेता राजनीतिक काम से संगम नगरी पहुंचें हो, लेकिन पहुंच गये तो पुण्य के संगम में डूबकी लगाना नहीं भूले. सुरेश प्रभु, मनोहर लाल खट्टर, लक्ष्मीकांत परसेकर, गुजरात के मंत्री नितिन पटेल आदि ने संगम में डूबकी लगायी.

4.भाजपा ने सोशल मीडिया का उत्तरप्रदेश चुनाव में भरपूर उपयोग करने का निर्णय लिया है. ध्यान रहे कि लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सोशल मीडिया का खूब उपयोग किया था, जिससे उसे बहुत लाभ हुआ. भाजपा ने यह संकेत भी दिया कि कमजोर कांग्रेस के कारण उसमें मजबूती नहीं आयी है. बल्कि अपनी मजबूत कार्ययोजना, विचारधारा के कारण वह सशक्त हुई है. पार्टी उत्तरप्रदेश में पुनर्वापसी कर यह जताना चाहती है कि जिन राज्यों में गैर कांग्रेस दल मजबूत हैं, वहां भी वह पैर जमा सकती है.

5. कार्यकारिणी से एक मजबूत संकेत यह भी मिला कि पार्टी ब्राह्मण वोटरों व पिछड़ी जाति के वोटरों पर विशेष फोकस करेगी. भाजपा यूपी में बिहार नहीं दोहराना चाहती है, इसलिए वह अपने आप को पिछड़ा हितैषी साबित करना चाहती है. इस क्रम में उसने पहले ही पिछड़ी जाति के व्यक्ति केशव प्रसाद मौर्य को प्रदेश अध्यक्ष बना रखा है. संभव है टिकट बंटवारे में भी उन्हें प्राथमिकता दी जाये.

Next Article

Exit mobile version