Kushinagar Incident: कुशीनगर हादसे में लापरवाहों पर गिरी गाज, MOIC समेत कई स्वास्थ्यकर्मियों पर कार्रवाई

कुशीनगर में वैवाहिक कार्यक्रम के दौरान, कुएं में गिरने से 13 युवतियों और बच्चियों की मौत हो गई. मामले में जांच के बाद एमओआईसी को हटा दिया गया है, जबकि कोटवा सीएचसी पर तैनात फार्मेसिस्ट को निलंबित कर दिया गया है. दो एंबुलेंस चालकों को बर्खास्त और दो को देर से पहुंचने के आरोप में हटा दिया गया है.

By Prabhat Khabar | February 18, 2022 11:41 AM

Kushinagar Incident: कुशीनगर में वैवाहिक कार्यक्रम के दौरान, कुएं में गिरने से 13 युवतियों और बच्चियों की मौत हो गई. घटना के बाद से पूरे नौरंगिया गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है. मामले में ग्रामीणों ने नौरंगिया सीएचसी के अधीक्षक, स्वास्थ्यकर्मियों और एंबुलेंसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर एनएच 28 जाम कर दिया था. जांच के बाद एमओआईसी को हटा दिया गया है, जबकि कोटवा सीएचसी पर तैनात फार्मेसिस्ट को निलंबित कर दिया गया है. दो एंबुलेंस चालकों को बर्खास्त और दो को देर से पहुंचने के आरोप में हटा दिया गया है.

हल्दी से जुड़ी रस्म के दौरान हादसा

जानकारी के मुताबिक, रात हल्दी के मटकोड़ (ब्याह से पहले हल्दी से जुड़ी रस्म) के दौरान अचानक स्लैब टूट गया और 25 से अधिक महिलाएं, युवतियां और बच्चे भरभराकर कुएं में गिर गए. घटना के बाद गांव में मातम छा गया. शादी वाले घर में चीख-पुकार मच गई. सूचना पर पुलिस आई और आसपास के लोगों के साथ मिलकर सबको कुएं से निकाला. गांव से जिला अस्पताल तक हाहाकार मचा रहा. कमिश्नर, डीआईजी, डीएम, एसपी भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद दिलाने का भरोसा दिलाया है.

स्लैब पर खड़ी थीं युवती और बच्चियां

घटना के बारे में मिली जानकारी के मुताबिक, नौरंगिया गांव के स्कूल टोला निवासी परमेश्वर कुशवाहा के बेटे अमित कुशवाहा के विवाह पूर्व, बुधवार देर रात हल्दी की रस्म अदा की जा रही थी. घर से करीब 100 मीटर दूर स्थित कुएं के सामने मटकोड़ का कार्यक्रम चल रहा था. जिस कुएं के पास कार्यक्रम चल रहा था, उसे आरसीसी स्लैब बनाकर बंद किया गया था. रस्म के दौरान बड़ी संख्या में महिला, युवती व बच्चियां कुएं पर बने स्लैब पर जाकर खड़े हो गए.

कुएं में गिरने से 13 लोगों की मौत

अचानक स्लैब टूट गया और उसपर खड़ी महिला, युवतियां व बच्चियां कुएं में समा गईं. कुआं काफी गहरा है. पानी भी भरा था. इस घटना के बाद चीख-पुकार मच गई. आसपास के लोगों ने राहत-बचाव शुरू किया, लेकिन अंधेरा होने की वजह से कोई खास सफलता नहीं मिल सकी. इस बीच किसी व्यक्ति ने घटना की सूचना पुलिस को दी. दल-बल के साथ आए पुलिसकर्मियों ने राहत-बचाव कार्य तेज किया. जिन लोगों को कुएं से बाहर निकाला गया, उन सबको जिला अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टरों ने परीक्षण किया और 13 लोगों को मृत घोषित कर दिया. सबके शव जिला अस्पताल की मोर्चरी के पास रखा गया है. यह देखकर हर कोई रोने लगा. एक साथ 13 शव देखकर सबकी रूह कांप गई.

अंधेरे में चला बचाव कार्य, घायलों की हालत गंभीर

घटना के बाद गांव के प्रिंस और रविशंकर समेत कई लोगों ने अपनी जान की परवाह नहीं की और अंधेरे के बीच गहरे कुएं में उतर गए. एक करके महिला, युवती व बच्चियों को बाहर निकालना शुरू किया. छह लोगों को बाहर निकाला जा सका था. इस बीच पुलिस भी आ गई. ग्रामीणों के अनुसार पुलिस की मौजूदगी में 25 महिला, युवती और बच्चियों को कुएं से बाहर निकाला गया है. कई घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इन सबका इलाज चल रहा है. डॉक्टरों के मुताबिक कइयों की हालत गंभीर बनी हुई है.

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