जीभ के बाद अब सिर काटकर लाने वाले पर 51 लाख का ईनाम

लखनऊ : मायावती पर भाजपा से निष्कासित दयाशंकर सिंह की टिप्पणी के बाद उत्तरप्रदेश की राजनीति में तो सरगरमी बढ़ी ही, अब हिंदू संगठन भी इस मुद्दे के हवा देने में जुट गयी है. हरियाणा में आयोजित एक विरोध प्रदर्शन के दौरान मायावती और नसीमुद्दीन सिद्दीकी का पुतला फूंका गया. साथ ही यह मांग की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 26, 2016 12:34 PM

लखनऊ : मायावती पर भाजपा से निष्कासित दयाशंकर सिंह की टिप्पणी के बाद उत्तरप्रदेश की राजनीति में तो सरगरमी बढ़ी ही, अब हिंदू संगठन भी इस मुद्दे के हवा देने में जुट गयी है. हरियाणा में आयोजित एक विरोध प्रदर्शन के दौरान मायावती और नसीमुद्दीन सिद्दीकी का पुतला फूंका गया. साथ ही यह मांग की गयी कि जो भी नसीमुद्दीन का सिर कलम करके लायेगा उसे 51 लाख रुपये ईनाम दिया जायेगा.

हिंदू संगठन के भूपेश सोनी ने कहा कि हिंदू समाज की एक बारह साल की लड़की पर अभद्र टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. उन्होंने कहा कि इस टिप्पणी का पूरे देश में विरोध किया जायेगा. उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा से इसके विरोध की शुरुआत हो गयी है.

दयाशंकर सिंह का जीभ काटने वाले पर 50 लाख ईनाम

मायावती पर अभद्र टिप्पणी करने वाले दयाशंकर सिंह का जीभ काटकर लाने वाले को 50 लाख ईनाम की घोषणा बसपा नेता जन्नत जहां ने की थी. यह घोषणा उन्होंने विरोध प्रदर्शन के दौरान की थी. दयाशंकर सिंह के विवादित बयान के बाद से बसपा नयी ऊर्जा के साथ राजनीति के अखाड़े में उतर गयी है.

किस तरह की राजनीति कर रही है बसपा-भाजपा

दयाशंकर सिंह के विवादित बयान के बाद शीर्ष भाजपा नेताओं ने माफी तो मांगी लेकिन बसपा ने अपने विरोध प्रदर्शन के दौरान जो कुछ किया उसके बाद भाजपा भी ‘बेटी के सम्मान में बीजेपी मैदान में ’ के स्लोगन के साथ मैदान में है. आखिर दोनों पार्टियां स्त्री अस्मिता की आड़ में किस तरह की राजनीति करना चाह रही हैं. क्या एक दूसरे का चरित्रहनन करके वोट मांगना सही है. अब दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह भी चुनावी मैदान में उतरने को तैयार हैं.

दयाशंकर सिंह की पत्नी को चुनाव लड़ाने की तैयारी

दयाशंक़र सिह की पत्नी को भाजपा चुनाव लड़ाने के लिए तैयार है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि महिलाओंं के सम्मान को जिस तरह बसपा ने तार-तार किया उसके खिलाफ भाजपा की महिला विंग अब कमान संभालेगी और नसीमुद्दीन सिद्दीकी की बर्खास्तगी तक वह आंदोलन जारी रखेगी. उन्होंने इस बात से भी इनकार नहीं किया कि दयाशंकर सिंह की पत्नी को पार्टी चुनाव लड़ा सकती है.

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