चारबाग स्टेशन के 80 वर्षीय कुली मुजीबुल्लाह कोरोना संकट में बने हैं इंसानियत की मिसाल

उत्तर प्रदेश के चारबाग स्टेशन पर कुली का काम करने वाले 80 साल के मुजीबुल्लाह कोरोना संकटकाल के समय कोरोना वारियर्स की भूमिका निभा रहे हैं.कोरोना संक्रमण से लड़ रहे देश में मुजीबुल्लाह एक मिशाल हैं. प्रदेश में प्रवासी श्रमिकों का आना लगातार कई दिनों से जारी है और श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से अन्य प्रदेशों से मजदूरों को अपने घर वापस लाया जा रहा है.वहीं लखनऊ के चारबाग स्टेशन पर यह 80 वर्षीय बुजुर्ग रोजाना पूरा दिन श्रमिकों के सामान को उठाने में उनकी मदद कर रहे हैं.

By ThakurShaktilochan Sandilya | May 30, 2020 8:49 PM

उत्तर प्रदेश के चारबाग स्टेशन पर कुली का काम करने वाले 80 साल के मुजीबुल्लाह कोरोना संकटकाल के समय कोरोना वारियर्स की भूमिका निभा रहे हैं.कोरोना संक्रमण से लड़ रहे देश में मुजीबुल्लाह एक मिशाल हैं. प्रदेश में प्रवासी श्रमिकों का आना लगातार कई दिनों से जारी है और श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से अन्य प्रदेशों से मजदूरों को अपने घर वापस लाया जा रहा है.वहीं लखनऊ के चारबाग स्टेशन पर यह 80 वर्षीय बुजुर्ग रोजाना पूरा दिन श्रमिकों के सामान को उठाने में उनकी मदद कर रहे हैं.

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हर दिन 8-10 घंटे दे रहे हैं सेवा :

कुली मुजीबुल्लाह कहते हैं कि यह देश के लिए एक संकट का समय है और # COVID19 के खिलाफ लड़ाई में डॉक्टरों और पुलिस कर्मियों सहित कई लोग अभी अपना योगदान दे रहे हैं.मैं भी अपनी भूमिका निभा रहा हूँ और हर दिन 8-10 घंटे अपनी सेवा प्रदान करता हूं.

स्वच्छता के लिए भी लोगों को करते हैं जागरूक :

मुजीबुल्लाह कहते हैं, “यह भी महत्वपूर्ण है कि हम सार्वजनिक स्थान पर स्वच्छता बनाए रखें और इसके लिए केवल उचित स्थानों पर थूकना और पेशाब करना चाहिए. अगर मैं किसी को खुले में पेशाब करते देखता हूं, तो मैं उन्हें वॉशरूम जाने का रास्ता दिखाता हूं.”

प्रियंका गांधी ने पत्र भेजकर की प्रशंसा :

वहीं मुजीबुल्लाह के इस सेवा भाव की जानकारी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी तक पहुंची और उन्होंने एक पत्र भेजकर कुली मुजीबुल्लाह के इस काम की प्रशंसा की है.श्रीमती गांधी ने अपने पत्र में लिखा है कि “इस महामारी के खत्म होने के बाद जब भी इस दौर को याद किया जाएगा, आपके योगदान को देश कृतज्ञता से याद करेगा. हम ऐसे ही व्यक्तिगत और सामूहिक योगदानों से कोरोना को हराने में कामयाब होंगे”.

Published by : Thakur Shaktilochan Sandilya

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