हाशिमपुरा कांड : निचली अदालत के फैसले को चुनौती देगी उ.प्र. सरकार
लखनऊ: मुस्लिम वोटों पर नजर लगाये उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार मेरठ के हाशिमपुरा में करीब 28 साल पहले हुए सामूहिक नरसंहार मामले में आरोपी पीएसी के 16 जवानों को रिहा किये जाने के निचली अदालत के फैसले को उच्च न्यायालय में बहुत जल्द चुनौती देगी. हाशिमपुरा कांड के पीडितों द्वारा आज सपा […]
लखनऊ: मुस्लिम वोटों पर नजर लगाये उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार मेरठ के हाशिमपुरा में करीब 28 साल पहले हुए सामूहिक नरसंहार मामले में आरोपी पीएसी के 16 जवानों को रिहा किये जाने के निचली अदालत के फैसले को उच्च न्यायालय में बहुत जल्द चुनौती देगी.
हाशिमपुरा कांड के पीडितों द्वारा आज सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव से मुलाकात किये जाने के बाद प्रदेश के अपर महाधिवक्ता जफरयाब जीलानी ने यहां भाषा को बताया कि हाशिमपुरा में वर्ष 1987 में 40 से ज्यादा मुसलमानों की पीएसी जवानों द्वारा सामूहिक हत्या करके शव नहर में फेंके जाने के मामले में दिल्ली की निचली अदालत के फैसले के खिलाफ वहीं के उच्च न्यायालय में अपील दाखिल की जा रही है. उम्मीद है कि 22 या 25 मई को इसे दाखिल कर दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि इसके लिये गत 15 मई को दिल्ली में सम्बन्धित वकीलों को अपील का मसविदा भेज दिया गया है. उनकी तरफ से राय मिलते ही अपील दाखिल कर दी जाएगी. इसके लिये वह खुद दिल्ली जाएंगे. जीलानी ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द अपील दाखिल करने की इच्छुक है. कोशिश रहेगी कि 29 मई से अदालत में ग्रीष्मकालीन अवकाश से पहले यह काम मुकम्मल हो जाए.
गौरतलब है कि 22 मई 1987 को मेरठ के हाशिमपुरा में कथित रुप से पीएसी के जवानों ने करीब 42 मुस्लिम युवकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी और उनके शव एक नहर में फेंक दिये थे। इस मामले में दिल्ली की निचली अदालत ने गत 21 मार्च को निर्णय सुनाते हुए सभी 16 आरोपी पीएसी जवानों को सुबूत के अभाव में बरी कर दिया था. इससे पहले, जमीयत उलमा-ए-हिन्द नेताओं तथा हाशिमपुरा कांड से पीडित लोगों के एक प्रतिनिधिमण्डल ने आज सत्तारुढ समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की.