साधुओं, विहिप नेताओं ने धर्मांतरण विरोधी कानून का समर्थन किया, ‘घर वापसी’ का बचाव किया

इलाहाबाद : कई साधुओं और विश्व हिन्दू परिषद के वरिष्ठ नेताओं ने आज यहां नरेंद्र मोदी सरकार से ‘‘धर्मांतरण विरोधी मजबूत’’ कानून लाने के लिए कहा लेकिन इस बात पर जोर दिया कि हिन्दू धर्म में पुन:धर्मांतरण की अनुमति होनी चाहिए क्योंकि ‘‘सनातन धर्म ही एकमात्र धर्म है जबकि अन्य सभी मत केवल पंथ हैं.’’ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 18, 2015 5:32 AM
इलाहाबाद : कई साधुओं और विश्व हिन्दू परिषद के वरिष्ठ नेताओं ने आज यहां नरेंद्र मोदी सरकार से ‘‘धर्मांतरण विरोधी मजबूत’’ कानून लाने के लिए कहा लेकिन इस बात पर जोर दिया कि हिन्दू धर्म में पुन:धर्मांतरण की अनुमति होनी चाहिए क्योंकि ‘‘सनातन धर्म ही एकमात्र धर्म है जबकि अन्य सभी मत केवल पंथ हैं.’’ विहिप के काशी प्रांत के प्रमुख मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि हमारे मार्गदर्शक मंडल की कल यहां एक बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसे आज संत सभा का आशीर्वाद मिला जिसमें मोदी सरकार से मजबूत और असरदार धर्मांतरण विरोधी कानून लाने का अनुरोध किया गया. हालांकि उन्होंने कहा कि विहिप नेताओं और साधुओं का नजरिया है कि प्रवर्तन को अनुमति होनी चाहिए क्योंकि ‘‘यह धार्मिक धर्मांतरण नहीं है. केवल एक धर्म है जो सनातन धर्म है. इस्लाम, ईसाई आदि केवल पंथ हैं. अगर कोई अपनी जडों की तरफ लौटना चाहता है तो उसे इस अवसर से वंचित नहीं होना चाहिए.’’

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