Gorakhpur News: गोरखपुर के TB अस्पताल में बनेगा 25 बेड का डेंगू वार्ड, मामले बढ़ने पर उठाया कदम

इस अस्पताल को मेडिकल विभाग ने कोविड अस्पताल बनाया था. यह अस्पताल सभी आधुनिक सुविधाओं से लेस यह हर एक बेड के पास पाइप द्वारा ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है अस्पताल में ज्यादातर बेड पर वेंटीलेटर और बायपाइप की सुविधा है.

By Prabhat Khabar | November 7, 2022 12:40 PM

Gorakhpur News: गोरखपुर में लगातार डेंगू के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने गोरखपुर के एयरपोर्ट के पास स्थित टीबी अस्पताल में 100 बेड के वार्ड को डेंगू के मरीज के लिए उपयोग करने का फैसला किया है. अब यहां 25 बेड का डेंगू वार्ड संचालित किया जाएगा. इसको लेकर गोरखपुर मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी आशुतोष दुबे ने शासन को पत्र भेजा है और सीएमओ ने टीबी अस्पताल प्रबंधन को इसके लिए तैयारी शुरू करने का निर्देश भी दिया है.

इसके पहले कोरोना महामारी के समय बढ़ते मामले को देखते हुए गोरखपुर प्रशासन ने टीबी अस्पताल के 100 बेड के वार्ड को इस्तेमाल किया था. इस अस्पताल को मेडिकल विभाग ने कोविड अस्पताल बनाया था. यह अस्पताल सभी आधुनिक सुविधाओं से लेस यह हर एक बेड के पास पाइप द्वारा ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है अस्पताल में ज्यादातर बेड पर वेंटीलेटर और बायपाइप की सुविधा है.

इस मामले में गोरखपुर के मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आशुतोष कुमार दुबे ने बताया की गोरखपुर के एयरपोर्ट के पास स्थित टीबी अस्पताल में डेंगू वार्ड संचालित किया जाएगा. इस वार्ड में 25 बेड की व्यवस्था की जाएगी इसकी तैयारी करने के लिए अस्पताल प्रबंधन को पत्र लिखा गया है.

100 बेड के टीबी अस्पताल में मरीज के लिए एक्स-रे और पैथोलॉजी की आधुनिक सुविधा है. इस अस्पताल में लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, नर्स समेत 30 स्थाई कर्मचारी तैनात है. यहां डॉक्टर के साथ करीब 36 पैरामेडिकल स्टाफ भी तैनात है. उनके वेतन के नाम पर हर महीने सरकार के लाखों रुपये खप रहे हैं.

गोरखपुर में इस समय डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. बेड की किल्लत से अस्पतालों में दिक्कत हो रही है. गोरखपुर के जिला अस्पताल, बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज, गोरखनाथ चिकित्सालय सहित कई अस्पतालों में डेंगू वार्ड के बेड फुल है, जिससे मरीज को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन टीबी अस्पताल में 25 बेड की सुविधा हो जाने से मरीज को कुछ राहत मिलेगी.

रिपोर्ट–कुमार प्रदीप, गोरखपुर

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