विवाद के बाद बोले राम नाइक, भविष्य में भी संघ प्रमुख को बुलाऊंगा भोजन पर

।। राजेन्द्र कुमार।। लखनऊः राजभवन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहनराव भागवत को भोजन पर आमंत्रित करने पर हुए विवाद पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राज्यपाल राम नाईक खुल कर बोले. उन्होंने कहा कि मोहनराव जी मेरे निजी मित्र है. वर्षों पुराना साथ है हमारा, वह लखनऊ आए थे, तो मै मोहनराव भागवत सहित […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 20, 2014 7:04 PM

।। राजेन्द्र कुमार।।

लखनऊः राजभवन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहनराव भागवत को भोजन पर आमंत्रित करने पर हुए विवाद पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राज्यपाल राम नाईक खुल कर बोले. उन्होंने कहा कि मोहनराव जी मेरे निजी मित्र है. वर्षों पुराना साथ है हमारा, वह लखनऊ आए थे, तो मै मोहनराव भागवत सहित नौ- दस लोगों को खाने पर बुलाया. मेरे बुलावे पर वह राजभवन आए. राजभवन के दरवाजे सबके लिए खुले हैं. तो मेरे निजी मित्र मेरे बुलावे पर आए तो इसमें क्या गलत है. मेरे बुलावे पर तो सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव, जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव, प्रदेश कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी सहित तमाम लोग राजभवन आए हैं. वैसे भी संवाद और बातचीत का सिलसिला सभी के साथ रखना चाहिए. यह मैं करता रहा हूं और करता रहूंगा.
अखिलेश की मेट्रो योजना पर राज्यपाल का शंका
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सीनियर नेता रहे राम नाईक का इसी बुधवार को उत्तर प्रदेश का राज्यपाल बने हुए तीन महीने हो जाएंगे. इन तीन महीनों में राम नाईक ने प्रदेश सरकार के कामकाज को बारीकी से नजर रखी है. जिसके आधार पर उन्होंने सोमवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को लखनऊ मेट्रो योजना के तय समय में पूरा होने पर शंका जताई. राज्यपाल ने कहा है कि लखनऊ मेट्रो को तय समय में पूरा करने के लिए सतर्क रहना होगा क्योंकि मुंबई में मेट्रो रेल चलाने में नौ साल लग गए थे. ऐसे में लखनऊ में मेट्रो तय समय में कैसे चलेगी, यह देखना है. यहां राजभवन में आयोजित प्रेस से मिलिए कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल राम नाईक ने यह शंका जतायी.
गौरतलब है कि कुछ दिनों पूर्व लखनऊ में मेट्रो रेल चलाने संबंधी योजना के काम की शुरूआत करते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भूमिपूजन किया था. इस आयोजन में सूबे की सरकार ने किसी केंद्रीय मंत्री को नहीं बुलाया था. लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह को भी भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होने का न्यौता नहीं भेजा गया, जबकि केंद्र सरकार की मदद से ही उक्त योजना लखनऊ में गति पाएगी. फिर भी अकेले ही इस योजना की वाहवाही लेने के लिए अखिलेश सरकार ने लखनऊ मेट्रो प्रोजेक्ट को अपना सपना बताते हुए अगले विधानसभा चुनावों के पूर्व मेट्रो रेल का पहले चरण पूरा होने की घोषणा की थी.
मुख्यमंत्री के इस कथन पर राज्यपाल राम नाईन ने सोमवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लखनऊ मेट्रो प्रोजेक्ट बेहतर बताते हुए कहा कि मुंबई में 2005 को तत्कालीन प्रधानमंत्री ने मेट्रो रेल चलाने की योजना का भूमि पूजन किया था, पर नौ साल बाद वहां मेट्रो चल सकी. ‍इस देरी का संज्ञान लेते हुए यूपी सरकार को लखनऊ मेट्रो प्रोजेक्ट को तय समय में पूरा करने के लिए सतर्क रहना होगा, ताकि लोगों को इसका लाभ जल्द से जल्द मिल सके. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को यह सलाह देते हुए राज्यपाल ने सूबे की कानून व्यवस्था और बिजली संकट पर सोमवार को प्रदेश सरकार पर हमला नहीं बोला. सिर्फ यही कहा कि कानून व्यवस्था को लेकर लगातार चौकस रहना होगा और अखिलेश सरकार यह कर रही है.
प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में पत्रकारों से वार्ता करने के पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने राजभवन में राम नाईक शीर्षक से छपवायी गई पु‍स्तक का विमोचन भी किया. यह पुस्तक राम नाईक की पुत्री श्रीमती विशाखा कुलकर्णी की देखरेख में तैयार हुई है, जिसमें उन्होंने अपने पिता सूबे के राजपाल राम नाईक के तीन माह के दौरान किए गए कार्यो का उल्लेख किया है. पुस्तक का विमोचन करते हुए राज्यपाल ने दावा किया कि इस पुस्तक के माध्यम से प्रदेश की जनता को मेरी गतिविधियों और कार्य पद्धति के बारे में जानने को मिलेगा और आगे भी वह अपने कामकाज की रिपोर्ट ऐसी ही पु‍स्तक छपवाकर देते रहेंगे.
सपा ने नहीं की मेरी आलोचना
सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में पारित राजनीतिक प्रस्ताव में राज्यपाल राम नाईक पर निशाना साधने संबंधी खबरों को राज्यपाल ने गलत बताया. उन्होंने कहा कि इस संबंध में छपी खबरों का संज्ञान लेकर मैंने सपा अधिवेशन में पारित राजनीतिक प्रस्ताव मंगवाकर देखा था, उसमें मेरे खिलाफ कुछ नहीं था. किसी राजनीतिक दल के मामले मेरा कुछ कहना ठीक नहीं है, वैसे भी इस मामले में सपा नेताओं ने कहा कि राज्यपाल के खिलाफ पार्टी के अधिवेशन में कुछ नहीं कहा गया.

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