असम में बाढ़ पीड़ितों के लिए संयुक्त राष्ट्र ने बढ़ाया हाथ, कहा- जरूरत पड़ने पर भारत को मदद करने के लिए तैयार हैं हम

संयुक्त राष्ट्र बाढ़ग्रस्त असम में राहत कार्यों के लिए मदद की दरकार होने पर भारत सरकार की सहायता के लिए पूरी तरह तैयार है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2020 12:41 PM

संयुक्त राष्ट्र बाढ़ग्रस्त असम में राहत कार्यों के लिए मदद की दरकार होने पर भारत सरकार की सहायता के लिए पूरी तरह तैयार है. असम में बाढ़ के कारण लाखों लोग बेघर हो गए हैं और 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने सोमवार को दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमारे मानवीय कार्यों के लिए हमारे सहयोगियों ने बताया है कि भारत में असम और पड़ोसी देश नेपाल में मानसून की बारिश के कारण आई बाढ़ के कारण करीब 40 लाख लोग बेघर हो गए हैं और 189 लोगों की जान गई है. ”

उन्होंने कहा, ‘‘ संयुक्त राष्ट्र जरूरत पड़ने पर भारत सरकार की मदद को तैयार है. ” उन्होंने कहा कि नेपाल प्राधिकारियों ने तराई क्षेत्र के निचले इलाकों तथा नदी के तट पर रहने वाले लोगों से बाढ़ के खतरे के कारण सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है. दुजारिक ने कहा, ‘‘प्रभावित इलाकों में पहुंच पाना एक बड़ी समस्या है. दूर-दराज के इलाकों में भूस्खलन होने के कारण राहत एवं तलाश अभियान बाधित हो रहे हैं. ” विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) प्रभावित समुदायों तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है.

उन तक पहुंचने के लिए हेलीकॉप्टर ही एकमात्र व्यवहार्य विकल्प है. प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम नेपाल में सबसे संवेदनशील समुदायों को अतिरिक्त मानवीय सहायता मुहैया कराने के लिए भी तैयार हैं. ” असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने बताया कि असम में बाढ़ के कारण 24 जिलों से 24.3 लाख से अधिक लोग बेघर हुए हैं. राज्य में इस साल बाढ़ और भूस्खलन से 111 लोगों की जान गई है.

इस बीच, संयुक्त राष्ट्र के विश्व मौसम संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने कहा है कि पूर्वी अफ्रीका, भारत और पाकिस्तान के कुछ हिस्सों में जलवायु परिवर्तन के कारण टिड्डी दल का हमला खाद्य सुरक्षा पर गंभीर खतरा पैदा कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन जैसे कि रेगिस्तानी क्षेत्रों में तापमान और वर्षा में वृद्धि, और उष्णकटिबंधीय चक्रवातों से जुड़ी तेज हवाएं कीट प्रजनन, विकास और प्रवास के लिए एक नया वातावरण प्रदान करती हैं.

posted by : sameer oraon

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