Rajasthan: चुनावी साल में दो दिग्गजों की लड़ाई कांग्रेस के लिए बनी मुसीबत, सुलह कराने में जुटे वरिष्ठ नेता

राजस्थान में इसी साल चुनाव होना है मगर वहां कांग्रेस की परेशानी कम होते हुए नहीं दिख रही. एक तरफ जहां अपने बगावती तेवर लिए सचिन पायलट लगातार राजस्थान की मौजूदा गहलोत सरकार पर निशाना साध रहे हैं वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.

By Abhishek Anand | April 14, 2023 9:23 AM

राजस्थान में इसी साल चुनाव होना है मगर वहां कांग्रेस की परेशानी कम होते हुए नहीं दिख रही. एक तरफ जहां अपने बगावती तेवर लिए सचिन पायलट लगातार राजस्थान की मौजूदा गहलोत सरकार पर निशाना साध रहे हैं वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं ऐसे में पार्टी के आला नेताओं ने दोनों के बीच सुलह कराने की कमान थामी है. सूत्रों के मुताबिक कमलनाथ ने गुरुवार को दिल्ली में सचिन पायलट और पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने दोनों गुटों के बीच मतभेदों को सुलझाने के तरीकों पर चर्चा की.

पार्टी को पंजाब की तरह हार का डर 

दरअसल पार्टी को यह डर भी सताने लगा है कि दो दिग्गज नेताओं (अशोक गहलोत और सचिन पायलट) की लड़ाई में पंजाब की तरह राजस्थान भी हाथ से निकल ना जाए. हालांकि इस सियासी संकट से उबारने के लिए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेसी कमलनाथ की एंट्री हुई है. ऐसा कहा जा रहा है कि वह राजस्थान के दोनों दिग्गज नेताओं की बीच मध्यस्थता कराने की पहले कर सकते हैं.

गहलोत को बीजेपी से ज्यादा पायलट से मिल रही चुनौती 

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी से कहीं अधिक चुनौती उनके पूर्व डिप्टी और दिग्गज कांग्रेसी सचिन पायलट ही दे रहे हैं. इस साल के अंत में होने वाले चुनाव में वह खुद को बड़ी भूमिका में देखना चाह रहे हैं. राजस्थान की पिछली वसुंधरा राजे की सरकार के दौरान हुए कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ उनके उपवास ने बीजेपी से कहीं अधिक कांग्रेस को असहज कर दिया है. उन्होंने अपनी ही पार्टी की सरकार पर राजे के खिलाफ कार्रवाई करने की दिशा में निष्क्रियता का आरोप लगाया.

कमलनाथ, पायलट और वेणुगोपाल की मुलाकात 

कांग्रेस नेतृत्व लगातार अशोक गहलोत के समर्थन में है. पायलट के उपवास को पार्टी विरोधी गतिविधि बताते हुए गहलोत के समर्थन में बयान जारी किया. हालांकि, कांग्रेस अब बैकफुट पर नजर आ रही है. दोनों दिग्गज नेताओं के बीच सुलह का रास्ता निकालने की कोशिश की जा रही है. सूत्रों ने कहा कि सचिन पायलट ने कमलनाथ और वेणुगोपाल को अपनी शिकायतों से अवगत कराया और पार्टी से उचित कार्रवाई की मांग की है.

सुलह के लिए कमलनाथ ने की कई बैठकें 

कमलनाथ ने पिछले कुछ दिनों में कई बैठकें की हैं. वे दोनों नेताओं को शांत करने और एक ऐसा समाधान खोजने की कोशिश कर रहे हैं जिससे कि आगे संकट पैदा न हो. पायलट के करीबी सूत्रों का कहना है कि उन्हें हासिए पर धकेला जा रहा है. उन्होंने रंधावा को एकतरफा फैसला लेने वाला प्रभारी करार दिया है.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी सुलह की कोशिश में 

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की है. वह चाहते हैं कि दोनों नेताओं के बीच सुलह कराने के रास्ते को तलाशा जाए। इसका इसर कर्नाटक विधानसभा चुनाव तक पर होने की संभावना है. सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस अशोक गहलोत की कमजोरी और राजस्थान में उनकी सरकार के खिलाफ भारी सत्ता विरोधी लहर से भी वाकिफ हैं.

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