Rourkela News: 43.1 डिग्री पहुंचा स्मार्ट सिटी का पारा, झुलसाने वाली हवाओं ने जीना किया मुहाल
Rourkela News: स्मार्ट सिटी का तापमान बुधवार को 43.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. यह तेजी से 44 डिग्री की ओर बढ़ रहा है.
Rourkela News: स्मार्ट सिटी का तापमान बुधवार को 43.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. यह तेजी से 44 डिग्री की ओर बढ़ रहा है. जिस रफ्तार से तापमान में बढ़ोतरी हो रही है, उससे लग रहा है कि अगले एक दो दिन में ही पारा 44 डिग्री पार हो जायेगा. दिन में कड़ी धूप और गर्म हवा के थपेड़ों ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया. शहर की ज्यादातर सड़कें दोपहर में वीरान नजर आयीं. महज कामकाजी लोग ही आते-जाते दिखे.
सुबह छह बजे से महसूस होने लगी थी गर्मी
सुबह छह बजे से ही गर्मी महसूस होने लगी थी. शाम सात बजे तक धूप का असर देखा जा रहा है. पिछले सात दिनों से तापमान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. मौसम विभाग के अनुसार अप्रैल, मई और जून में गर्मी से किसी तरह की राहत नहीं मिलेगी. जो थोड़ी बहुत तापमान में गिरावट हुई थी वह काल बैसाखी के प्रभाव से थी. लेकिन अब दोबारा तापमान अपनी पुरानी स्थिति पर पहुंच गया है और इसमें बढ़ोतरी हो रही है.
स्कूल-कॉलेज हुए बंद
मौसम की मार को देखते हुए राज्य सरकार ने मंगलवार को ही आदेश जारी कर स्कूल-कॉलेजों को बंद करने का निर्णय लिया है. तापमान 43 डिग्री से ऊपर होने के कारण लोग असहनीय गर्मी का सामना कर रहे हैं. श्रम विभाग ने भी गर्मी के दौरान मजदूरों से काम नहीं लेने के निर्देश जारी किये हैं. हालांकि इसका खुलेआम उल्लंघन देखा जा रहा है.गर्मी के फल और शीतल पेय की बिक्री बढ़ी
गर्मी से राहत के लिए शहर में जगह-जगह तरबूज, बेल, खीरा, ककड़ी की मांग बढ़ गयी है. वहीं पारंपरिक पेय सत्तू के शरबत और आम पणा की भी बिक्री हर जगह होती दिख रही है. तापमान में अभी और बढ़ोतरी होने की आशंका है. ऐसे में लोगों से सावधानी बरतने की अपील जिला प्रशासन की ओर से की गयी है.कागज कलम तक सीमित है सरकारी निर्देश, चिलचिलाती धूप में काम कर रहे मजदूर
राउरकेला श्रम कार्यालय ने नोटिस जारी कर 11 से 3:00 बजे तक मजदूरों से धूप में काम कराने से मना किया गया है. लेकिन बुधवार की दोपहर 12:00 बजे उदितनगर-बसंती कॉलोनी आरओबी पर चार महिलाओं को चिलचिलाती धूप में छाता लिए रंग-रोगन का काम करते देखा गया. वही बसंती कॉलोनी में बने डिवाइडर पर भी चार पेंटर रंगाई करते देखे गये. जबकि यह सरकारी काम है और यहीं सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं. इस मार्ग से रोजाना सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों का आना-जाना रहता है, लेकिन सभी आंख बंद कर चल रहे हैं और इसका खामियाजा इन मजदूरों को भुगतना पड़ रहा है. छेंड में भी रंग-रोगन का काम करने में मजदूर जुटे दिखे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
