Sambalpur News: संबलपुर जू बनेगा ओडिशा का प्रमुख पर्यटन केंद्र : धर्मेंद्र प्रधान
Sambalpur News: संबलपुर चिड़ियाघर के विस्तार के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पांच करोड़ की लागत वाले बाड़े का शिलान्यास किया.
Sambalpur News: संबलपुर चिड़ियाघर की प्राकृतिक सुंदरता अत्यंत मनमोहक है. इसे ‘मिड-साइज जू’ के रूप में विकसित करने के लिए केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं. इसी क्रम में सोमवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने चिड़ियाघर में बाघ, मगर और घड़ियाल के बाड़े सहित कई परियोजनाओं का शिलान्यास किया. पहले चरण की इन विकासात्मक गतिविधियों पर लगभग पांच करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे.
जल्द ही संबलपुर जू अथॉरिटी गठित की जायेगी
श्री प्रधान ने कहा कि संबलपुर जू को ओडिशा के प्रमुख पर्यटन और आकर्षण केंद्र के रूप में विकसित करना सरकार का लक्ष्य है. इसे स्मॉल जू से मिड-साइज जू में बदलने के लिए नीति-स्तर पर निर्णय लिया गया है. इसके लिए आवश्यक 35 हेक्टेयर भूमि का सरकारी विभागों से एकत्रीकरण किया जा रहा है और जल्द ही संबलपुर जू अथॉरिटी गठित की जायेगी. वर्तमान में चिड़ियाघर में कलरापतरिया बाघ (लकड़बग्घा) हैं, जिन्हें दर्शक ग्लास हाउस के माध्यम से देख पाते हैं. नये ग्लास एनक्लोजर बनने के बाद यहां दो जोड़े यानी चार रॉयल बंगाल टाइगर लाने की योजना है. इस समय चिड़ियाघर में 70 से अधिक पशु-पक्षी हैं और भविष्य में पक्षियों की अधिक प्रजातियां जोड़ने पर भी काम किया जायेगा.
प्राणी उद्यान पर्यावरण शिक्षा का एक खुला विद्यालय
श्री प्रधान ने कहा कि यह कदम वन्यजीव संरक्षण के प्रति सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता का संकेत है और इससे यह चिड़ियाघर राष्ट्रीय स्तर पर एक आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में पहचाना जायेगा. उन्होंने कहा कि प्राणी उद्यान पर्यावरण शिक्षा का एक खुला विद्यालय है, जहां छात्र-छात्राएं और आम लोग वन्यजीवों को नजदीक से समझ सकेंगे. नये एनक्लोजर लोगों में संरक्षण के प्रति जागरुकता बढ़ाने में सहायक होंगे. पर्यटन बढ़ने से स्थानीय व्यवसाय और अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी और युवाओं के लिए रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे. श्री प्रधान ने बताया कि संबलपुर जिले में हीराकुद, डेब्रिगढ़, उषाकाठी और भीममंडली रॉक आर्ट क्षेत्रों में भी पर्यटन सुविधाओं को विकसित करने की योजना है. इसके साथ ही जिले की हस्तशिल्प, बुनाई कला, खाद्य-पदार्थ और मां समलेश्वरी मंदिर को भी प्रमुखता से प्रदर्शित किया जायेगा.
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