उद्धव ठाकरे ने किया फेसबुक LIVE: कहा, शिवसैनिक नहीं चाहेंगे, तो दे दूंगा इस्तीफा

उद्धव ठाकरे ने अपने पूरे संबोधन में एक बार भी एकनाथ शिंदे का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्हें निशाने पर जरूर लिया. महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के मुखिया और शिवसेना सुप्रीमो ने कहा कि अगर मेरी पार्टी के विधायक मुझे नहीं चाहते, तो मैं क्या कह सकता हूं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 22, 2022 7:07 PM

Maharashtra Political Crisis Latest News Updates: महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज महाराष्ट्र की जनता को फेसबुक पर संबोधित किया. उन्होंने कहा कि अगर मेरे विधायक (Maharashtra Political Crisis Rebel MLAs) नहीं चाहते कि मैं मुख्यमंत्री रहूं, तो मैं मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास वर्षा बंगलो से अपने पैतृक आवास मातोश्री लौटने के लिए तैयार हूं.

पार्टी प्रमुख का पद छोड़ने के लिए भी तैयार हैं उद्धव ठाकरे

उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackrey) ने फेसबुक लाइव करके परोक्ष रूप से शिव सेना (Shiv Sena) के बागी नेता एकनाथ शिंदे को संदेश देने की कोशिश की. उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर शिवसैनिक नहीं चाहते कि मैं पार्टी का प्रमुख नहीं रहूं, तो मैं इसके लिए भी तैयार हूं. मैं पार्टी प्रमुख का पद छोड़ दूंगा.

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नाम लिये बिना शिंदे को सुनाई खरी-खरी

उद्धव ठाकरे ने अपने पूरे संबोधन में एक बार भी एकनाथ शिंदे का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्हें निशाने पर जरूर लिया. महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के मुखिया और शिवसेना सुप्रीमो ने कहा कि अगर मेरी पार्टी के विधायक मुझे नहीं चाहते, तो मैं क्या कह सकता हूं. यदि मेरे खिलाफ उनके मन में कोई बात थी, तो उसे सूरत में जाकर कहने की क्या जरूरत थी. वे मेरे पास आकर सीधे मुझसे अपनी बात कह सकते थे.

शरद पवार और सोनिया गांधी ने मुझ पर विश्वास किया

उद्धव ठाकरे ने कहा कि वर्ष 2019 में जब तीन पार्टियां एक साथ आयीं थीं, तब शरद पवार ने मुझसे कहा कि मुझे मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालनी होगी. मेरे पास इसका कोई अनुभव नहीं था. लेकिन, मैंने जिम्मेदारी को स्वीकार किया. शरद पवार और सोनिया गांधी ने मेरी काफी मदद की. उन्होंने मुझ पर विश्वास किया.

भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने का दबाव बना रहे शिंदे

बता दें कि शिवसेना में दूसरे सबसे शक्तिशाली नेता एकनाथ शिंदे विधायकों के साथ पहले सूरत और अब गुवाहाटी में पहुंच गये हैं. उन्होंने एक चिट्ठी जारी किया है, जिसमें 34 विधायकों के हस्ताक्षर हैं. शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर इस बात का दबाव बना रखा है कि वह कांग्रेस और एनसीपी के साथ नाता तोड़कर भाजपा के साथ गठबंधन करें और सरकार बनायें.

नहीं लागू होगा दलबदल कानून

एकनाथ शिंदे ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर भाजपा के साथ गठबंधन के लिए उद्धव ठाकरे तैयार नहीं हैं, तो उनकी सरकार नहीं बच पायेगी. शिवसेना नहीं बच पायेगी. शिंदे का दावा है कि उन्हें महाराष्ट्र के 46 विधायकों का समर्थन हासिल है. अगर 46 विधायकों के साथ वह पार्टी से अलग हो जाते हैं, तो उन पर दलबदल कानून भी लागू नहीं होगा.

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