नक्सलियों की टोह लेगा मानवरहित विमान

चाईबासा : नक्सलियों की तलाश में सारंडा, कोल्हान व पोड़हाट के जंगलों के ऊपर जल्द ही मानव रहित छोटे टोही विमान उड़ान भरेंगे. पुलिस व सीआरपीएफ इन टोही विमानों का इस्तेमाल से नक्सलियों के ठिकानों का पता लगायेगी. टोही विमान से नक्सली इनपुट मिलते ही क्षेत्र में मुआयना के लिए भेजा जायेगा. विमान अपने खास […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 23, 2017 5:25 AM

चाईबासा : नक्सलियों की तलाश में सारंडा, कोल्हान व पोड़हाट के जंगलों के ऊपर जल्द ही मानव रहित छोटे टोही विमान उड़ान भरेंगे. पुलिस व सीआरपीएफ इन टोही विमानों का इस्तेमाल से नक्सलियों के ठिकानों का पता लगायेगी. टोही विमान से नक्सली इनपुट मिलते ही क्षेत्र में मुआयना के लिए भेजा जायेगा. विमान अपने खास कैमरों की मदद से जानकारी एकत्रित करेगा. इन्हीं सूचना के आधार पर फोर्स कार्रवाई करेगी.

इसके अलावा पश्चिम सिंहभूम में नक्सली हिंसा से निपटने के लिए सुरक्षा बल ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल करेंगे. इसके लिए नक्सल प्रभावित इलाके में तैनात सीआरपीएफ सहित अन्य पुलिस बलों को मंजूरी मिलने की सूचना है.

पहले ड्रोन से मैपिंग करेगी पुलिस
सुरक्षा बल नक्सली गुटों की सक्रियता वाले इलाकों की ड्रोन के जरिये पहचान कर घेराबंदी करेंगे. खासकर घने जंगलों वाले सारंडा, कोल्हान व पोड़ाहाट इलाके में पहले ड्रोन से मैपिंग का काम किया जायेगा. इसके बाद अत्याधुनिक निगरानी उपकरणों(टोही विमान) से नक्सलियों की सटीक पहचान की जायेगी. नक्सलियों के आवाजाही पर बारीकी नजर रखा जायेगा. ड्रोन से चिह्नित इलाके में नक्सल विरोधी अभियान शुरू कर किया जायेगा. नक्सलियों के खिलाफ कॉबिंग में सुरक्षा बलों के नुकसान को कम करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करने पर सरकार राजी हो गयी.
सारंडा, कोल्हान व पोड़हाट के जंगलों के ऊपर जल्द दिखेंगे विमान
विमान अपने खास कैमरे की मदद से जानकारी उपलब्ध करायेगा
पश्चिमी सिंहभूम में ड्रोन कैमरे की भी मदद लेगी जिला पुलिस
कॉबिंग में सुरक्षा बलों को कम नुकसान के लिए उठाया गया कदम
पारा मिलिट्री को मिलेंगे अत्याधुनिक हथियार
पुलिस के साथ-साथ नक्सली अभियान में शामिल अर्धसैन्य बल के जवानों को सेना की तर्ज पर अत्याधुनिक सुरक्षा व निगरानी उपकरण मुहैया कराया जायेगा. इससे न केवल इलाके की भौगोलिक स्थिति, मौसम, क्षेत्र में मौजूद नक्सलियों की संख्या, उनके पास मौजूद हथियार और अन्य पहलुओं की जानकारी मिलेगी. बल्कि स्थानीय स्तर पर उनके मददगारों को पहचानने में आसानी होगी. हालांकि पुलिस विभाग इस संबंध में अपने अभियान को देखते हुये किसी तरह का खुलासा नहीं कर रही है.

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