हक और सच्चाई पर कायम रहनेवालों को मिलती है कामयाबी: मुफ्ती सलमान

. शहर के खैरनटोली में आयोजित इस्लाहे मुआशरा कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया.

By VIKASH NATH | November 27, 2025 9:02 PM

इस्लाहे मुआशरा कॉन्फ्रेंस में मुफ्ती सलमान रजा अजहरी की तकरीर में उमड़ी भीड़ फोटो फाइल: 27 एसआइएम:1-मंच पंर उपस्थित मुफ्ती सलमान व नात पढ़ते शायर,2-कार्यक्रम में उपस्थित लोग सिमडेगा. शहर के खैरनटोली में आयोजित इस्लाहे मुआशरा कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुफ्ती सलमान रजा अजहरी उपस्थित थे. इस मौके पर उन्होंने अपने तकरीर में कहा कि हिंदुस्तान में डर का माहौल बनाने का काम किया जा रहा है. यह एक तूफान है जो तुम्हारे इमान का इम्तिहान ले रहा है. हालात बिगड़ते जा रहे हैं. किंतु इससे डरने की जरूरत नहीं है. देश में कई लोग नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने लोगों को अल्लाह के रसूल के बताए मार्ग पर चलकर आगे बढ़ाने की नसीहत दी. उन्होंने अपने तकरीर में नौजवानों से बुराई और गुनाह की राह से बचने की अपील की. उन्होंने कहा कि आज के दौर में कई नौजवान नशे, फिजूलखर्ची और बेमक़सद जिंदगी में उलझकर अपना भविष्य बर्बाद कर रहे हैं, जबकि असल कामयाबी नमाज़, तालीम और अपने किरदार की इस्लाह से जुड़ी है. मुफ़्ती सलमान ने कहा कि जो लोग अपनी ख्वाहिशात पर कंट्रोल करते हैं, थोड़ी देर की कठिनाई तो आती है, लेकिन अल्लाह तआला उन्हें ऐसी इज्ज़त और सुकून अता करता है, जिसका अंदाज़ा भी नहीं लगाया जा सकता. हक़ और सच्चाई पर कायम रहने वालों को आखिरकार कामयाबी मिलती है. कॉन्फ्रेंस में बंगलुरु कर्नाटक से मौलाना इलियास कादरी, यूपी के शायर मो अली फैजी, ताहिर रजा, अमजद रजा ने भी अपने विचार रखे. मंच संचालन कोलकाता के कफिल अंबर ने किया. इससे पूर्व इस्लामिक स्कॉलर मुफ्ती सलमान रजा अजहरी का स्वागत मौलाना रौशनुल कादरी ने माला पहनाकर किया. वहीं आयोजन समिति के संरक्षक शफीक खान ने शॉल और भारत के संविधान की पुस्तक देकर स्वागत किया. मौके पर विधायक भुषण बाड़ा, विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी, एसपी एम अर्शी, एसडीओ प्रभात रंजन ज्ञानी, एसडीपीओ बैजु उरांव,सीओ मो इम्तियाज अहमद, थाना प्रभारी रोहित कुमार रजक सहित कई लोग उपस्थित थे. कार्यक्रम को सफल बनाने में मो वसीम, मो अलाउददीन खान, रुस्तम, हाजी इमरोज सहित समिति के सभी लोगों का अहम योगदान रहा. कार्यक्रम में बाहर से आये शायर मो अहमद अली सहित अन्य शायरों ने अपने नाते कलाम से लोगों को झूमने पर विवश कर दिया. साथ ही महफिल को शायराना बना दिया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है