कोलेबिरा में पेयजल की हो सकती है समस्या, तेजी से गिर रहा डैम का जलस्तर

डैम के मेढ़ों में जगह जगह रिसाव हो रहा है.जिससे पानी बर्बाद हो रहा है. पानी रिसाव को रोकने और मरम्मत कार्य कराने की दिशा में विभाग द्वारा कोई पहल नहीं की जा रही है. जबकि स्थानीय लोगों के द्वारा इस संबंध में अनेकों बार प्रशासन से गुहार लगायी गयी. ग्रामीणों की शिकायत पर राज्य सरकार द्वारा विधायक शिवपूजन कुशवाहा के नेतृत्व में टीम के द्वारा डैम के रिसाव स्थल का निरीक्षण किया गया था.

By Prabhat Khabar | May 7, 2021 12:56 PM

Jharkhand News, Simdega News कोलेबिरा : कोलेबिरा की लाइफ लाइन कहे जाने वाले कोलेबिरा डैम की स्थिति विभागीय उदासीनता एवं सरकार की अनदेखी के कारण काफी दयनीय होती जा रही है. डैम का जलस्तर गिरता जा रहा है. डैम में बमुश्किल 30 से 35 प्रतिशत ही पानी बच गया है. इसी डैम से कोलेबिरा प्रखंड मुख्यालय के लोगों को पेयजल की सप्लाई होती है.यदि यही स्थिति रही तो कोलेबिरा में पेयजल की समस्या उत्पन्न हो सकती है.

डैम के मेढ़ों में जगह जगह रिसाव हो रहा है.जिससे पानी बर्बाद हो रहा है. पानी रिसाव को रोकने और मरम्मत कार्य कराने की दिशा में विभाग द्वारा कोई पहल नहीं की जा रही है. जबकि स्थानीय लोगों के द्वारा इस संबंध में अनेकों बार प्रशासन से गुहार लगायी गयी. ग्रामीणों की शिकायत पर राज्य सरकार द्वारा विधायक शिवपूजन कुशवाहा के नेतृत्व में टीम के द्वारा डैम के रिसाव स्थल का निरीक्षण किया गया था.

किंतु निरीक्षण करने के डेढ़ वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी आज तक डैम के रिसाव स्थल की मरम्मत के लिए किसी प्रकार की पहल नहीं की गयी. वहीं जिले के तत्कालीन उपायुक्त विजय कुमार सिंह, जटाशंकर चौधरी, मंजूनाथ भजंत्री के द्वारा भी रिसाव स्थल का निरीक्षण किया गया था. विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी ने भी रिसाव स्थल का निरीक्षण किया था.

किंतु आज तक डैम की मरम्मत नहीं हो सकी. यदि जल्द से जल्द डैम की मरम्मत नहीं की गयी तो डैम का अस्तित्व संकट में पड़ सकता है. इधर पंचायत के मुखिया आलोमनी बागे का कहना है कि डैम के रिसाव स्थल की मरम्मत के लिये अनेकों बार जिले के उपायुक्त, स्थानीय सांसद एवं विधायक से गुहार लगायी किंतु नतीजा कुछ नहीं निकला.

डैम में पानी कम हो जाने से किसानों को भी परेशानी हो रही है. किसानों को सिंचाई हेतु पानी नहीं मिल रहा है. पूर्व में इस डैम के पानी से हजारों एकड़ भूमि में सिंचाई होती थी. इस संबंध में किसान सरजू राम का कहना है कि डैम के पानी से पूर्व में सिंचाई करके खेती करते थे.किंतु कुछ वर्षों से डैम के मेढ़ में रिसाव हो जाने के कारण नहर में पानी नहीं आता है. जिसके चलते हजारों एकड़ भूमि में किसान खेती नहीं कर पा रहे हैं. यदि डैम में हो रहे रिसाव की मरम्मत करा दी जाये तो नहर में पानी आना शुरू हो जायेगा और किसान इससे लाभान्वित हो सकेंगे.

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