हमारी परंपरा व संस्कृति ही हमारी पहचान है: बिक्सल कोंगाड़ी
जलडेगा प्रखंड के कोलोमड़ेगा पाहन टोली में बड़े ही धूमधाम के साथ ईंद पर्व मनाया गया
धूमधाम के साथ ईंद पर्व मनाया गया फोटो फाइल: 9 एसआइएम:2-कार्यक्रम में उपस्थित विधायक व अन्य अतिथि सिमडेगा. जलडेगा प्रखंड के कोलोमड़ेगा पाहन टोली में बड़े ही धूमधाम के साथ ईंद पर्व मनाया गया. इस अवसर पर कोलेबिरा विधायक नमन बिक्सल कोनगाड़ी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे. ग्रामीणों द्वारा विधायक का भव्य स्वागत किया गया. ढोल नगाड़े के थाप पर नाचते गाते उन्हें कार्यक्रम स्थल तक लाया गया. जहां माला पहना कर उनका स्वागत किया गया. कार्यक्रम के दौरान मंडलियों द्वारा आकर्षक नृत्य की प्रस्तुति दी गयी. मौके पर विधायक श्री कोनगाड़ी ने अपने संबोधन में कहा कि इस देश के भूखंड पर सबसे पहले आदिवासी आये. करीब छह सौ ईस्वी पूर्व अपने नस्ल की अस्तित्व और पहचान को बचाने के उद्देश्य से इस घने जंगल पहाड़ी और खूंखार जंगली जानवरों के बीच रीसा मुंड की अगुवाई में मुण्डा समुदाय के लोग आये थे. इसके बाद रीसा मुंड का बेटा मदरा मुंड उत्तराधिकारी बना. इसके बाद मदरा मुंडा का बेटा मनिमुकुट को मुंडा समाज के लोगों ने अपना राजा बनाया. उसी समय मनिमुकुट की अगुवाई में मुंडा समुदाय के लोगों ने लकड़ी का खूंटा गाड़ कर सिंहासन बनाया और उसमें राजा का प्रतीक छतर खूंटा गाड़ा गया और मनिमुकुट ने अपने को राजा घोषित किया.उसकी याद में हर वर्ष ईंद पर्व मनाया जाता है और इस मौके पर ईंद छतर को पारंपारिक तरीके से गाड़ा जाता है. दूसरे दिन बड़ी धूमधाम के साथ ढोल नागाड़ों और मांदर के साथ नाच गान और मेला का आयोजन किया जाता है. उसकी परंपरा को लेकर कोलोमड़ेगा में ईंद पर्व का आयोजन किया गया. विधायक ने कहा कि हमें इस परंपरा को बचाये रखना है. कहा कि हमारी संस्कृति व परंपरा ही हमारी पहचान है. कार्यक्रम ग्रामीणों ने काफी उत्साह के साथ भाग लिया. ढोल नगाड़े के थाप पर ग्रामीण नाचते गाते नजर आए. कार्यक्रम को सफल बनाने में आयोजन समिति डिटु पाहन,राजा गुस्ताक कंडुलना, राजा सान्तियल बागे, बोजे मुंडा, नेल्सन कंडुलना, सुखराम मुंडा, ऐमन तोपनो,मनसिद तोपनो के अलावा अन्य लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
