शादी के लिए भी कोई रिश्ता लेकर नहीं आता

आजादी के 72 साल बाद भी चुआं का पानी पीते हैं ग्रामीण गांव जाने के लिए पगडंडी है सहारा कुड़ू : प्रखंड के अति पिछड़े गांवों में शुमार कुड़ू प्रखंड के सलगी पंचायत का मसियातू गांव आजादी के 72 साल बाद भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है. इस गांव के बदहाली देख दूसरे […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 4, 2020 12:17 AM

आजादी के 72 साल बाद भी चुआं का पानी पीते हैं ग्रामीण

गांव जाने के लिए पगडंडी है सहारा
कुड़ू : प्रखंड के अति पिछड़े गांवों में शुमार कुड़ू प्रखंड के सलगी पंचायत का मसियातू गांव आजादी के 72 साल बाद भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है. इस गांव के बदहाली देख दूसरे गांव के लोग यहां शादी का रिश्ता भी लेकर नहीं आना चाहते है़ं काफी मान-मनौव्वल के बाद ही कोई शादी के लिए तैयार होता है. गांव में सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है.
गांव तक आने के लिए दो पगडंडी वाले रास्ते है़ं पीने के पानी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है़ लिहाजा ग्रामीण सालों भर चुआं का पानी पीते हैं. जनप्रतिनिधियों को कभी ग्रामीणों की समस्याओं पर तरस नहीं आया. मसियातू सलगी पंचायत के अधीन एक गांव है.
गांव में तुरी तथा आदिवासी जाति के लगभग पांच सौ ग्रामीण रहते है़ं गांव जाने के लिए सलगी आनंदपुर होते हुए कच्ची सड़क के बाद पगडंडी तथा दूसरी कच्ची सड़क सलगी लालुटोली-खम्हार मुख्य पथ से टोंगरी टोला के बाद पगडंडी के सहारे जा सकते है़ं गांव में एक नव प्राथमिक विद्यालय था जिसे मर्ज करते हुए गांव से दो किलोमीटर दूर मध्य विद्यालय में करा दिया गया. नतीजा गांव के आधे से अधिक बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया.
गांव में स्वास्थ सेवा के नाम पर कोई सुविधा नहीं है. गांव से छह किलोमीटर दूर सलगी में एक अतिरिक्त स्वास्थ उपकेंद्र है जहां चिकित्सक शायद ही कभी मिलते हैं. गांव की सबसे बड़ी समस्या पेयजल की है. गांव में पीएचइडी विभाग ने तीन चापाकल लगाया है लेकिन तीनों बेकार हो गया है. गांव से आधा किलोमीटर दूर खेत में एक चुआं है, जो ग्रामीणो के लिए वरदान साबित हो रहा है.
चुआं के पानी से ग्रामीण नहाने, बरतन धोने, मवेशी को पिलाने से लेकर स्वयं भी पीने में इस्तेमाल करते हैं. ग्रामीण चुंदेश्वर तुरी, बिगल तुरी, एतवा तुरी, महाबीर तुरी, जयराम तुरी, अनुज तुरी समेत अन्य ने बताया कि पीने के पानी के लिए काफी परेशानी होती है़ अभी बारिश हुई है इसलिए चुआं में पानी रहता है लेकिन अप्रैल माह के बाद काफी परेशानी होती है. पानी के लिए कभी-कभी हाथापाई भी हो जाती है. कारण सुबह जो जल्दी पहुंचा उसे पानी मिल जाता है. सुबह आठ बजते ही पानी समाप्त हो जाता है और काफी देर बाद पानी जमा होता है.

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