Seraikela Kharsawan News : घुसपैठिये देश के लिए खतरा, धर्मांतरित आदिवासी को आरक्षण न मिले : चंपाई
दोनों मुद्दों पर कलकत्ता व इलाहाबाद हाइकोर्ट के फैसले का जिक्र किया
राजनगर.
पूर्व मुख्यमंत्री सह सरायकेला विधायक चंपाई सोरेन ने कहा कि घुसपैठिए देश की सुरक्षा और संसाधनों के लिए गंभीर खतरा हैं. वहीं, धर्मांतरण करने वाले आदिवासियों को एसटी आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए. उन्होंने गुरुवार को राजनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दोनों मुद्दों को गंभीर मामला बताया. पूर्व सीएम ने कहा कि वे लगातार दोनों मुद्दों को उठाते रहे हैं. कलकत्ता व इलाहाबाद हाइकोर्ट के निर्णयों ने उनकी बात को सही साबित किया है. चुनाव आयोग के बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि भारत अब घुसपैठ को बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने पिछले सप्ताह कलकत्ता हाइकोर्ट द्वारा पश्चिम बंगाल सरकार को सीमा पर बाड़बंदी के लिए जमीन उपलब्ध नहीं कराने पर लगायी गयी फटकार का उल्लेख किया. केंद्र से राशि मिलने के बावजूद राज्य सरकार जानबूझकर जमीन उपलब्ध नहीं करा रही है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा विषय है. उन्होंने कहा कि एसआइआर लागू होने के बाद घुसपैठियों के सहारे चुनाव जीतना संभव नहीं होगा. चंपाई सोरेन ने इलाहाबाद हाइकोर्ट के उस निर्णय का स्वागत किया, जिसमें कहा गया कि इसाई धर्म अपनाने वालों को एससी आरक्षण व अन्य सुविधाओं का अधिकार नहीं है. इन दोनों मुद्दों पर वे आवाज उठाते रहेंगे. आदिवासी-मूलवासी समुदाय के अधिकारों से कोई समझौता नहीं होने देंगे. पूर्व सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि यदि देश की बागडोर कांग्रेस के हाथों में होती, तो घुसपैठियों का प्रभाव और बढ़ जाता. वर्तमान सरकार घुसपैठियों की पहचान कर बाहर करने की दिशा में कदम उठा रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष एसआइआर का विरोध इसलिए कर रहा है, क्योंकि उन्हें अपने वोट बैंक के प्रभावित होने का डर है. चंपाई सोरेन ने चाईबासा में आदिवासियों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर प्रतिक्रिया दी. झामुमो–कांग्रेस गठबंधन सरकार ने स्वयं आदिवासियों पर लाठीचार्ज कराया, जबकि सत्तासीन सरकार उलटे विपक्ष का पुतला दहन करवाती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
