झारखंड के ग्रामीण इलाकों में टीका को लेकर भ्रम, कई जगहों पर स्वास्थ्यकर्मियों से मारपीट तो इस इलाके से मिली धमकी

रांची के मांडर में 28 मई को विरोध के साथ ही स्क्रीनिंग टीम की महिला सदस्य के साथ मारपीट की गयी. इससे पूर्व खूंटी के तोरपा में 17 मई को टीका देने गयी टीम को धमकाया गया. गुमला के कई गांवों में टीकाकरण के लिए पहुंची टीमों को धमकाया गया. आलम यह है कि गांवों के टीका केंद्रों पर टीका लेने के लिए 10 लोग भी नहीं जुट रहे हैं. कई जगह जब टीम पहुंचती है, तब ग्रामीण जंगलों में भाग जाते हैं.

By Prabhat Khabar | May 31, 2021 9:26 AM

Coronavirus Vaccine News Today Jharkhand रांची : कोरोना से बचाव को लेकर वैक्सीन देने का अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन वैक्सीन लगानेवाली टीम को ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास, विरोध समेत कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. लोग अफवाहों में फंसकर वैक्सीन लेना नहीं चाह रहे हैं. वैक्सीन देनेवाले कर्मियों का विरोध कर रहे हैं. कई जगह स्वास्थ्यकर्मियों से मारपीट की घटनाएं हो रही है.

रांची के मांडर में 28 मई को विरोध के साथ ही स्क्रीनिंग टीम की महिला सदस्य के साथ मारपीट की गयी. इससे पूर्व खूंटी के तोरपा में 17 मई को टीका देने गयी टीम को धमकाया गया. गुमला के कई गांवों में टीकाकरण के लिए पहुंची टीमों को धमकाया गया. आलम यह है कि गांवों के टीका केंद्रों पर टीका लेने के लिए 10 लोग भी नहीं जुट रहे हैं. कई जगह जब टीम पहुंचती है, तब ग्रामीण जंगलों में भाग जाते हैं.

कैसे-कैसे अफवाह और भ्रम :

लातेहार में ग्रामीण कह रहे हैं कि वैक्सीन लेने से नपुंसक हो जायेंगे. चतरा में लोगों को कोई कहता है कि वैक्सीन लेने पर मौत हो जायेगी. गढ़वा में ग्रामीण कहते हैं कि कोरोना का टेस्ट कराया, तो सरकार कोरेंटिन सेंटर में डाल देगी. जनप्रतिनिधि यानी मुखिया जिनसे ग्रामीणों का सीधा जुड़ाव होता है, वह भी भ्रम में हैं. गढ़वा के कई पंचायतों के मुखिया ने टीका नहीं लिया है. लोहरदगा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में रांची से जाकर लोग टीकाकरण करवा रहे हैं. कुडू व भंडरा प्रखंड में रांची से आकर टीका लगवाने वालों की संख्या अधिक है.

हजारीबाग जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीनेशन कैंप लग रहे हैं पर ग्रामीण पहुंच ही नहीं रहे हैं. पिछले दिनों भंडरिया के गांवों में टीका लगाने गये स्वास्थ्य कर्मियों के आते देख लोगों ने घरों का दरवाजा बंद कर दिया. कई लोग जंगलों की ओर भाग गये.

::::::::::: विरोध की घटनाएं ::::::::::::::::::

गुमला : टीम को धमकाया

गुमला जिले के कई गांवों में विरोध हुआ है. बिशुनपुर, चैनपुर, जारी, घाघरा प्रखंड के कई गांवों में कोरोना वैक्सीन का विरोध हो चुका है. इन गांवों में स्वास्थ्यकर्मियों को धमकाया गया.

तोरपा : वाहन में तोड़फोड़

तोरपा प्रखंड के खेरखई गांव में 17 मई को कोरोना से बचाव का टीका देकर लौट रही मेडिकल टीम को रोककर गांव के युवक ने धमकाया था. टीम के वाहन में तोड़फोड़ की गयी. किसी तरह मेडिकल टीम के लोग बच निकलने में सफल रहे. मामले में दो दिनों बाद पुलिस ने आरोपी युवक विजय आइंद को गिरफ्तार किया था.

मांडर : टीम के साथ मारपीट

28 मई को मांडर के सकरा गांव स्क्रीनिंग टीम के सदस्य गये थे. वहां पर टीम के लोगों के साथ मारपीट की गयी. सहिया पिंकी केरकेट्टा को चोट लगी. मामले को लेकर पिंकी व सहिया संघ ने स्थानीय बीडीओ, थाना व चिकित्सा प्रभारी को लिखित शिकायत की है.

कोरोना में टीका ही बचायेगी जान

रिम्स निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने बताया कि बीमारियों से बचाव में टीका ही सबसे बड़ा हथियार है. जितनी बीमारियां हैं, उसके लिए जन्म के दिन से ही टीका लगाया जाता है. टीका द्वारा 80 से 90 फीसदी तक सुरक्षा मिलती है. टीका लगाने वाले लोग कोरोना से कम संक्रमित हुए हैं. जो संक्रमित हुए हैं, उनकी स्थिति गंभीर नहीं हुई. ऐसे में कोरोना टीका को लेकर किसी प्रकार के भ्रम व संदेह की जरूरत नहीं है. मैंने खुद ही कोरोना का टीका काफी पहले ले लिया है. मेरी अपील है कि सभी लोग नि:संकोच टीका लगायें.

प्रभात खबर अपील

कोरोना टीकाकरण से ही आप कोरोना जैसी महामारी से बच सकते हैं. यह आपके लिए कवच के समान है. आंकड़े बताते हैं कि वैक्सीनेशन करानेवालों की मृत्यु दर बहुत कम है. इस कारण अंधविश्वास व भ्रम में न पड़ें. आपके आस-पास जहां भी टीकाकरण हो रहा हो, वहां सपरिवार जायें और जीवनरक्षक टीका जरूर लें.

Posted By : Sameer Oraon

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