झारखंड में बंद हो सकता है 18 + का वैक्सीनेशन, लॉकडाउन को लेकर भी सीएम ने दी बड़ी जानकारी

भारत सरकार द्वारा 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए उपलब्ध कराया गया वैक्सीन भी सात से 10 दिनों के लिए ही पर्याप्त है. तब तक वैक्सीन उपलब्ध होने की स्थिति में वैक्सीनेशन बंद करना पड़ सकता है. श्री सोरेन ने कहा कि राज्य में सभी को वैक्सीनेशन के लिए चार करोड़ टीका की जरुरत है. लेकिन, राज्य सरकार को अब तक केवल 40 लाख वैक्सीन ही मिला है. ऐसे में राज्य सरकार ने कोविड-19 वैक्सीन आयात करने का फैसला लिया है. आयात की आवश्यक प्रक्रिया पूरी की जा रही है.

By Prabhat Khabar | May 25, 2021 10:06 AM

18 + Vaccination Update in Jharkhand, Lockdown Update In Jharkhand रांची : राज्य में कोविड-19 संमक्रमण की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार काे राज्य के मंत्रियों के साथ बैठक करते हुए वैक्सीन की उपलब्धता पर मुख्यमंत्री ने चिंता जतायी. उन्होंने कहा कि राज्य में 18 से 44 वर्ष के लिए केवल दो-तीन दिनों की वैक्सीन ही बची है. कंपनियों की ओर से झारखंड के लिए वैक्सीन का डोज नहीं दिया गया है.

भारत सरकार द्वारा 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए उपलब्ध कराया गया वैक्सीन भी सात से 10 दिनों के लिए ही पर्याप्त है. तब तक वैक्सीन उपलब्ध होने की स्थिति में वैक्सीनेशन बंद करना पड़ सकता है. श्री सोरेन ने कहा कि राज्य में सभी को वैक्सीनेशन के लिए चार करोड़ टीका की जरुरत है. लेकिन, राज्य सरकार को अब तक केवल 40 लाख वैक्सीन ही मिला है. ऐसे में राज्य सरकार ने कोविड-19 वैक्सीन आयात करने का फैसला लिया है. आयात की आवश्यक प्रक्रिया पूरी की जा रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में संक्रमण का दर घटने के बाद भी मृत्यु दर देश में सबसे अधिक है. यह चिंता का विषय है. विभिन्न राज्यों में बड़े पैमाने पर कई चीजें मैनुपुलेट की जाती है. परंतु, झारखंड सरकार कोरोना संक्रमण से मरने वाले, टेस्टिंग और स्वस्थ होने वालों का आंकड़ा पूरी पारदर्शिता के साथ बता रही है. राज्य सरकार का मानना है कि आंकड़ों के सही होने से ही इस महामारी से प्रभावी तरीके से निपटने में सहायता मिलेगी.

अभास होने के बाद भी केंद्र ने दी थी लॉकडाउन नहीं लगाने की सलाह

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार को कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर के आने का पहले से आभास था. फिर भी राज्यों को दिशा-निर्देश देने में काफी विलंब हुआ. राज्यों को तो केंद्र सरकार ने लॉकडाउन नहीं लागू करने की सलाह दी. लेकिन, संक्रमण का दर बढ़ने से स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए राज्यों को अपने तरीके से फैसला लेना पड़ा. किसी राज्य ने आंशिक लॉकडाउन लगाया, तो किसी राज्य ने पूर्ण लॉकडाउन लगाने का फैसला किया.

लॉकडाउन बढ़ाने हालात को ध्यान में रख कर लेंगे फैसला

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के तहत लागू पाबंदियों और लॉकडाउन बढ़ाने पर वर्तमान हालात को ध्यान में रखकर फैसला करने की बात की. उन्होंने कहा कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में अगले 10 दिनों तक घर-घर टेस्टिंग ड्राइव चलाया जायेगा. इससे मौजूदा हालात की वास्तविकता का पता चल सकेगा. टेस्टिंग ड्राइव के लिए मुख्यमंत्री ने रूरल कोविड टॉस्क फोर्स की लांचिंग की. टॉस्क फोर्स के सदस्य ग्रामीण क्षेत्रों में मेडिकल किट पहुंचाने का काम भी करेंगे.

तीसरी लहर से निपटने की तैयारी करने वाला देश का पहला राज्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ई-पास व्यवस्था बेहतर बनाने की कोशिश चल रही है. तीसरी लहर से निपटने की प्रारंभिक तैयारी में लगने वाला झारखंड देश का पहला राज्य है. लोगों को संक्रमण से बचाने के साथ ही इससे निपटने के लिए भी आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं. हेमंत सोरेन ने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर झारखंड के लिए काफी घातक साबित हुई है. संक्रमण की पहली लहर से उबरते राज्य को दूसरी लहर ने काफी चोट पहुंचायी.

कफन खरीदने की जरूरत नहीं, मुफ्त उपलब्ध करायेगी सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि संक्रमण की दूसरी लहर में कइयों ने अपनों, सगे-संबंधियों और परिचितों को खो दिया. लेकिन, राज्य की भौगोलिक परिस्थिति, प्राकृतिक वातारण और सामाजिक व्यवस्था की वजह से यहां के लोग मुश्किलों में भी घबराते नहीं है, बल्कि डटकर उसका सामना करते हैं.संक्रमण में लोगों की मौत होने पर कफन मिलने में हो रही परेशानी की सूचना है. मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अब राज्य में किसी को कफन खरीदने की जरुरत नहीं होगी. राज्य सरकार मुफ्त में कफन मुहैया करायेगी.

स्थिति नियंत्रण में, हर दूसरे घर में उपलब्ध होगा कोविड किट

मुख्यमंत्री ने कहा कि 30-35 दिन पहले शहरों में चारों ओर एंबुलेंस के सायरन की आवाज ही गूंजती सुनायी पड़ रही थी. लेकिन, अब स्थिति काफी हद तक नियंत्रिण में है. राज्य सरकार की ओर से आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, मुखिया और नर्सों को मिलाकर गांव-गांव में प्रत्येक घर में कोरोना जांच के लिए विशेष टीम बनायी गयी है.

हर पंचायत में ऑक्सिजन, टेस्टिंग किट की सुविधा दी गयी है. अब राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में हर दूसरे घर में कोविड किट उपलब्ध होगा. दवा की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी. इससे लोग छोटी बीमारियों से भी बच कर स्वस्थ रहेंगे. उनको कोरोना का टीका भी लग पायेगा. अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी जिला और अनुमंडल अस्पतालों में ऑक्सीजन युक्त बेड की सुविधा उपलब्ध कराने और मैनपावर की कमी को दूर करने का भरोसा भी दिलाया.

Posted By : Sameer Oraon

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