Jharkhand News: दारोगा लालजी यादव आत्महत्या मामला पहुंचा झारखंड हाईकोर्ट, सीबीआई से जांच कराने की मांग

Jharkhand News: झारखंड हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि दारोगा लालजी यादव की मृत्यु संदेहास्पद परिस्थिति में थाना परिसर में ही हुई है. यह गंभीर मामला है. यह आत्महत्या का नहीं, बल्कि हत्या का मामला है. जिन-जिन अधिकारियों पर आरोप लग रहे हैं, वह काफी प्रभावशाली हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 18, 2022 1:07 PM

Jharkhand News: झारखंड के पलामू जिले के नावाबाजार के पूर्व थाना प्रभारी लालजी यादव की आत्महत्या मामले की उच्चस्तरीय सीबीआई जांच की मांग को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिट दायर की गयी है. मृतक के भाई संजीव यादव ने ये याचिका दायर की है. पलामू के एसपी, डीटीओ, डीएसपी, वर्तमान थाना प्रभारी सहित अन्य लोगों को इस मामले में प्रार्थी ने प्रतिवादी बनाया है. दायर याचिका में कहा गया है कि आरोपी प्रभावशाली हैं. ऐसे में झारखंड पुलिस निष्पक्ष जांच नहीं कर पायेगी. इसलिए इस मामले की सीबीआई से जांच करायी जाये, ताकि दोषियों को कड़ी सजा मिल सके.

झारखंड हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि दारोगा लालजी यादव की मृत्यु संदेहास्पद परिस्थिति में थाना परिसर में ही हुई है. यह गंभीर मामला है. यह आत्महत्या का नहीं, बल्कि हत्या का मामला है. जिन-जिन अधिकारियों पर आरोप लग रहे हैं, वह काफी प्रभावशाली हैं. वैसी परिस्थिति में झारखंड पुलिस द्वारा निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती है. पूरे मामले की हत्या के दृष्टिकोण से जांच करने की मांग की गई. प्रार्थी ने पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है. उल्लेखनीय है कि एसपी चंदन सिन्हा ने नावाबाजार थाना प्रभारी लालजी यादव को छह जनवरी को निलंबित कर दिया था.

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आपको बता दें कि झारखंड के पलामू जिले के नावाबाजार थाने में पिछले दिनों पूर्व थानेदार लालजी यादव ने खुदकुशी कर ली थी. इन्हें कुछ दिनों पहले सस्पेंड कर दिया गया था. पलामू के पुलिस अधीक्षक चंदन सिन्हा ने नावाबाजार के थाना प्रभारी रहे लालजी यादव को डीटीओ (जिला परिवहन पदाधिकारी) के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप में निलंबित किया था. लालजी यादव 2012 बैच के दारोगा थे. इस मामले को लेकर लगातार विरोध जारी है. मृतक के परिजन इसे हत्या बता रहे हैं और सीबीआई से जांच की मांग कराने पर अड़े हैं. इनका आरोप है कि लालजी यादव ने सुसाइड नहीं किया है, बल्कि इन्हें बड़े अधिकारियों ने प्रताड़ित किया है और साजिश के तहत इनकी हत्या कर दी है.

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रिपोर्ट: राणा प्रताप

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