Ranchi News : हमें अनुसूचित क्षेत्रों में पारंपरिक स्वशासी व्यवस्था चाहिए : पड़हा राजा
आदिवासी क्षेत्र सुरक्षा परिषद का पेसा नियमावली महासम्मेलन
रांची. आदिवासी क्षेत्र सुरक्षा परिषद के तत्वावधान में रविवार को एसडीसी सभागार में पेसा नियमावली महासम्मेलन हुआ. सम्मेलन में खूंटी से आये पड़हा राजा परगनादार सनिका भेंगरा ने कहा कि हमारे पूर्वजों के त्याग, संघर्ष और बलिदान के बाद यह भू-भाग हमें मिला है. यहां हमारी अपनी पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था है, जिसे ब्रिटिश हुकूमत ने भी स्वीकार किया था. हमारे इस अधिकार को संविधान में पांचवीं और छठवीं अनुसूची के रूप में जगह मिली, लेकिन आज हमारी सरकार ही इसे दरकिनार कर रही है. उन्होंने कहा कि झारखंड के अनुसूचित क्षेत्रों में अबतक पेसा कानून 1996 लागू नहीं होना दुखद है. सनिका भेंगरा ने कहा कि हमें पंचायती व्यवस्था नहीं बल्कि अनुसूचित क्षेत्रों में पारंपरिक स्वशासी व्यवस्था चाहिए. आदिवासी क्षेत्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष ग्लैडसन डुंगडुंग ने कहा कि झारखंड सरकार विगत तीन वर्षों से पेसा नियमावली बना रही है, लेकिन अबतक के तीन प्रारूपों से स्पष्ट है कि सरकार पेसा कानून 1996 के 23 प्रावधानों को अपवादों एवं उपांतरणों के साथ लागू नहीं करना चाहती है. इसके बजाय सरकार राज्य के विगत 24 वर्षों से असंवैधानिक रूप से लागू किये गये जेपीआरए 2001 को ही लागू करना चाहती है. परिषद की महासचिव सुषमा बिरूली ने कहा कि हम आदिवासी रुढ़ि प्रथा पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था से संचालित होते हैं, लेकिन झारखंड सरकार हमारे ऊपर पंचायत व्यवस्था थोपने की कोशिश कर रही है. सम्मेलन को जिला परिषद सदस्य अजय एक्का, पड़हा राजा एतवा हेरेंज, संयुक्त पड़हा समिति के संयोजक शिबू होरो, अधिवक्ता सुरेश सोय, देवान सुनील होरो, वाल्टर कंडुलना, ज्योति, मेरी क्लाॅडिया सोरेंग, बिनसाय मुंडा ने भी संबोधित किया.
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