डिजिटल की दुनिया में भी रांची का यह बाजार कैश लेन-देन पर निर्भर, हर माह होता है 150 करोड़ का कारोबार

पंडरा बाजार में मुख्य मंडी और आलू मंडी में लगभग 801 दुकानें हैं. मंडी के अंदर और परिसर के गेट के बाहर दो-दो बड़े बैंक भी हैं. व्यापारी बैंक से सिर्फ अपना जरूरी काम करते

By Prabhat Khabar | March 31, 2023 3:12 AM

रांची, राजेश कुमार: हर छोटी-बड़ी दुकान में डिजिटल लेन-देन का तेजी से उपयोग होने लगा है, लेकिन पंडरा बाजार की कहानी अलग है. पंडरा बाजार में हर दिन पांच करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हो रहा है. प्रति माह लगभग 130 से 150 करोड़ रुपये का कारोबार होता है. पर पूरा कारोबार कैश पर निर्भर है. कोई खुदरा व्यापारी या ग्राहक ऑन लाइन पेमेंट करना चाहता भी है, तो उसे मना कर दिया जाता है. उससे नकद राशि ही देने को कहा जाता है. अंत में उसे एटीएम से ही पैसा निकाल कर भुगतान करना पड़ता है.

पंडरा बाजार में हैं लगभग 801 दुकानें :

पंडरा बाजार में मुख्य मंडी और आलू मंडी में लगभग 801 दुकानें हैं. मंडी के अंदर और परिसर के गेट के बाहर दो-दो बड़े बैंक भी हैं. व्यापारी बैंक से सिर्फ अपना जरूरी काम करते हैं. व्यापारियों का कहना है कि थोक मंडी खाद्यान्न के कारोबार में मार्जिन काफी कम है. इसलिए डिजिटल लेन-देन नहीं करना चाहते हैं.

अधिकतर व्यापारी कंप्यूटर फ्रेंडली नहीं : माहुरी

रांची चेंबर के अध्यक्ष संजय माहुरी ने कहा कि पंडरा बाजार के ज्यादातर व्यापारी कंप्यूटर फ्रेंडली नहीं हैं. लेजर मेंटेन करने में परेशानी होती है. कारोबार में मुनाफा काफी कम होने और बैंक चार्ज अधिक होने के कारण डिजिटल लेन-देन का प्रयोग नहीं हो पाता है.

व्यापारियों को बाध्य नहीं कर सकते : पणन सचिव

बाजार समिति के पणन सचिव उत्तम कुमार ने कहा कि डिजिटल लेन-देन के लिए व्यापारियों को बाध्य नहीं कर सकते हैं. हालांकि, व्यापारियों को इसकी सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए, ताकि हर किसी को सहूलियत हो. डिजिटल लेन-देन पूरी तरह से सुरक्षित है.

बाजार समिति के व्यापारियों को जोड़ने में चेंबर विफल

पंडरा बाजार समिति के व्यापारियों के लिए रांची चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज लंबे समय से काम कर रहा है. लेकिन, रांची चेंबर को नये सदस्यों को जोड़ने में कोई रुचि नहीं है. हाल यह है कि रांची चेंबर में अब तक मात्र 312 सदस्य ही जुड़े हैं. जबकि, पंडरा बाजार समिति में दुकानों व गोदामों की संख्या 801 है. रांची चेंबर, पंडरा के अध्यक्ष संजय माहुरी ने कहा कि 12-13 साल से नये सदस्य नहीं बनाये गये हैं.

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