बेटे की गिरफ्तारी पर JMM विधायक लोबिन हेंब्रम बोले- नहीं किया कोई फर्जीवाड़ा, सच सामने आयेगा

JMM विधायक लोबिन हेंब्रम ने बेटे अजय हेंब्रम पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए जल्द सच सामने आने की बात कही है. कहा कि अजय ने कोई फर्जीवाड़ा नहीं किया है. बता दें कि विधायक पुत्र अजय को फर्जीवाड़ा मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 18, 2022 8:41 PM

Jharkhand News: बोरियो के JMM विधायक लोबिन हेंब्रम के बेटे अजय हेंब्रम को पुलिस ने फर्जीवाड़ा केस में गिरफ्तार किया है. इस पर सोमवार को राष्ट्रपति चुनाव में झारखंड विधानसभा में वोटिंग करने आये लोबिन हेंब्रम ने बेटे पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया. कहा कि अजय हेंब्रम ने 14 वर्षों तक नौकरी की है. कहीं कोई फर्जीवाड़ा नहीं हुआ है. दुर्भावना से ग्रसित हो कर कुछ लोगों ने शिकायत की है. इसकी जांच हो रही है. जांच के बाद सच्चाई सामने आ जायेगा. बता दें कि अजय हेंब्रम पर गलत वंशावली बनाकर ECL में नौकरी लेने का आरोप लगा है.

आदिवासियों का हक और अधिकार छिना जा रहा

झामुमो विधायक ने कहा कि आदिवासियों का हक एवं अधिकार छिना जाता रहा है. संताल परगना में आदिवासी बड़े-बड़े परियोजना में उजाड़े गये हैं. सबसे ज्यादा विस्थापन अादिवासियों का ही हुआ है. राष्ट्रपति चुनाव के बावत उन्होंने कहा कि पार्टी के सारे विधायकों ने शिबू सोरेन के निर्देश का पालन किया है. द्रौपदी मुर्मू अच्छी प्रत्याशी हैं.

जांच में धोखाधड़ी का मामला आया था सामने

बता दें कि अजय हेंब्रम के खिलाफ ललमटिया थाना में 28 जून को मामला दर्ज हुआ था. आरोप लगाया गया था कि अजय ने गलत तरीके से वंशावली बनाकर वर्ष 2008 से ही ECL की नौकरी हासिल की ली थी. डीसी के निर्देश के बाद डीडीसी एवं गोड्डा एसडीओ ने संयुक्त रूप से मामले की जांच करायी. जांच में धोखाधड़ी किये जाने का मामला सामने आया था. इसके बाद डीसी के आदेश पर कार्यपालक दंडाधिकारी मो एजाज अहमद ने ललमटिया थाना में मामला दर्ज कराया था.

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रैयत मंझली मुर्मू ने गलत वंशावली बनाने का लगाया था आरोप

अप्रैल में जमाबंदी नंबर 131 के रैयत मंझली मुर्मू ने डीसी को आवेदन देते हुए आरोप लगाया था कि अजय हेंब्रम गलत तरीके से वंशावली बनाकर राजमहल कोल परियोजना में लगातार 15 साल से नौकरी कर रहा है. आरोप है कि अजय हेंब्रम ने अपने पिता के प्रभाव से वर्ष 2007 में बोआरीजोर अंचल से तत्कालीन सीओ मिथिलेश प्रसाद को पत्र देते हुए गलत वंशावली निर्गत कराया था. इसके आधार पर अजय 28 अगस्त, 2008 को ECL में नौकरी पाने में सफल रहा था.

Posted By: Samir Ranjan.

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