झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार की पहली वर्षगांठ 29 दिसंबर को, आजसू पार्टी मनायेगी विश्वासघात दिवस

रांची : आजसू पार्टी झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार की पहली वर्षगांठ (29 दिसंबर ) को विश्वासघात दिवस के रूप में मनायेगी. इस मौके पर राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में जन पंचायत का आयोजन किया जायेगा. इस दौरान राज्य सरकार की नाकामियों को गिनाया जायेगा. इतना ही नहीं, आजसू पार्टी की नजर बंगाल चुनाव पर भी है. पांच जनवरी को पश्चिम बंगाल में आजसू के राज्यस्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 28, 2020 1:23 PM

रांची : आजसू पार्टी झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार की पहली वर्षगांठ (29 दिसंबर ) को विश्वासघात दिवस के रूप में मनायेगी. इस मौके पर राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में जन पंचायत का आयोजन किया जायेगा. इस दौरान राज्य सरकार की नाकामियों को गिनाया जायेगा. इतना ही नहीं, आजसू पार्टी की नजर बंगाल चुनाव पर भी है. पांच जनवरी को पश्चिम बंगाल में आजसू के राज्यस्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा.

आजसू पार्टी के रांची के हरमू स्थित केंद्रीय कार्यालय में पिछले दिनों बैठक हुई थी. जिला प्रभारियों की बैठक की अध्यक्षता आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने की थी. इसमें इन बातों पर सहमति बनी थी. जिला प्रभारियों की बैठक में कहा गया था कि झामुमो महागठबंधन की सरकार ने राज्य की जनता के साथ विश्वासघात किया है. सत्ताधारी दल ने चुनाव से पहले जो वादे किये थे, उसके अनुरूप कोई कार्य नहीं हुआ.

Also Read: झारखंड के गढ़वा में हाथियों के आतंक से बचने के लिए ग्रामीण इस तकनीक का कर रहे प्रयोग

आजसू पार्टी की मानें, तो स्थानीय नीति, पिछड़ों को आरक्षण, 25 करोड़ के सरकारी टेंडर सिर्फ स्थानीय को, बेरोजगारी भत्ता, पांच लाख रोजगार, महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण, स्थायीकरण, समेत कई ऐसे वादे हैं, जो महागठबंधन ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए थे, लेकिन पूरा नहीं हुआ. आजसू पार्टी पूरे राज्य में सरकार की नाकामियों से जनता को अवगत करायेगी.

Also Read: झारभूमि के सॉफ्टवेयर में भारी चूक उजागर, जो अधिकारी धनबाद में नहीं रहे कभी पोस्टेड, उनके नाम जारी हुआ डिजिटल सिग्नेचर

झारखंड की आजसू पार्टी की नजर बंगाल चुनाव पर भी है. पार्टी वहां भी अपनी किस्मत आजमायेगी. इसी क्रम में आजसू पार्टी पांच जनवरी 2021 को पश्चिम बंगाल में राज्यस्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा. आजसू का तर्क है कि अलग झारखंड के लिए जितनी पार्टी ने लड़ाई लड़ी है, उतनी ही लड़ाई पुरुलिया, बांकुड़ा और मिदनापुर जिले के लोगों ने भी लड़ी. इस सम्मेलन के माध्यम से पार्टी लोगों को सम्मान देगी.

Also Read: जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद : झारखंड हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज, जो कवि भी थे

Posted By : Guru Swarup Mishra

Next Article

Exit mobile version