अब प्रतिभा को न संसाधन रोकेंगे, न अभाव : मंत्री
झारखंड सरकार ने अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के मेधावी विद्यार्थियों के लिए बड़ा कदम उठाया है.
रांची. झारखंड सरकार ने अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के मेधावी विद्यार्थियों के लिए बड़ा कदम उठाया है. अब झारखंड के विद्यार्थियों को मेडिकल (नीट) और इंजीनियरिंग (जेइइ) जैसी प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं की मुफ्त कोचिंग राज्य में ही उपलब्ध करायी जायेगी. इस योजना के लिए कोटा के मोशन एजुकेशन संस्थान के साथ समझौता किया गया है. कल्याण मंत्री श्री चमरा लिंडा ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि झारखंड के मेधावी विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा की दिशा में हर संभव अवसर मिले. राज्य सरकार चाहती है कि झारखंड के बच्चे भी आइआइटी, एम्स समेत अन्य राष्ट्रीय संस्थानों तक पहुंचे. संसाधनों और उचित मार्गदर्शन की कमी अब किसी विद्यार्थी की राह में बाधा नहीं बनेगी. मंत्री ने कहा कि कई प्रतिभाशाली विद्यार्थी आर्थिक अभाव या मार्गदर्शन की कमी से पिछड़ जाते हैं. सरकार चाहती है कि झारखंड का कोई भी गरीब विद्यार्थी बेरोजगार होकर न लौटे, बल्कि कुछ बनकर आत्मविश्वास के साथ अपने राज्य वापस लौटे. मंत्री ने कल्याण आयुक्त कुलदीप चौधरी के साथ प्रस्तावित कोचिंग संस्थान के छात्रावास, पुस्तकालय और भोजनालय का निरीक्षण भी किया और आवश्यक सुधारों के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यूपीएससी और सिविल सेवा जैसी राष्ट्रीय प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भी झारखंड के विद्यार्थियों को दिल्ली भेजने की योजना पर काम कर रही है. पहले चरण में एसटी, दूसरे चरण में एससी और बाद में ओबीसी वर्ग के विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ मिलेगा.
हिंदपीढ़ी के कल्याण भवन में चलेगा कोचिंग
कोचिंग कक्षाओं का संचालन रांची के हिंदपीढ़ी स्थित कल्याण विभाग के भवन में किया जायेगा. योजना के संचालन एवं पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग को दी गयी है. मंगलवार को विभाग ने मोशन एजुकेशन को औपचारिक रूप से कार्य आदेश जारी किया. पहले चरण में राज्य के लगभग 300 विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ मिलेगा. चयन शैक्षणिक योग्यता और निर्धारित मापदंडों के आधार पर किया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
