सीयूजे में राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस पर विशेष व्याख्यान, पीआर पर क्या बोलीं आईपीआरडी की उपनिदेशक शालिनी वर्मा?

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की उपनिदेशक शालिनी वर्मा ने कहा कि संचार में विनम्रता और शुद्धता काफी महत्वपूर्ण है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जनसंपर्क पेशेवर को मानवीय संबंधों में निपुणता के साथ-साथ आधुनिक तकनीकी कौशल में भी पारंगत होना चाहिए.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 21, 2023 8:37 PM

रांची: झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूजे) के जनसंचार विभाग द्वारा आज पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया (पीआरएसआई) रांची चैप्टर के साथ मिलकर राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस मनाया गया. इस अवसर पर जी-20 एवं भारतीय मूल्य-जनसंपर्क परिप्रेक्ष्य विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की उपनिदेशक शालिनी वर्मा ने कहा कि संचार में विनम्रता और शुद्धता काफी महत्वपूर्ण है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जनसंपर्क पेशेवर को मानवीय संबंधों में निपुणता के साथ-साथ आधुनिक तकनीकी कौशल में भी पारंगत होना चाहिए. श्रीमती वर्मा ने कहा कि जी-20 की अध्यक्षता भारत के लिए सांस्कृतिक विरासत और विचारधारा के साथ-साथ समावेशी विकास, नवाचार के भारतीय दृष्टिकोण को प्रचारित करने का एक बड़ा अवसर है.

आम लोगों व सरकार को जोड़ने में निभा रहा महत्वपूर्ण भूमिका

पीआरएसआई रांची चैप्टर के अध्यक्ष प्रो देवव्रत सिंह ने जी 20 की भारतीय अध्यक्षता पर अपने विचार साझा किए. उन्होंने बताया कि कैसे सरकारी पीआर आम नागरिकों एवं सरकार को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. चैप्टर की सचिव रश्मि वर्मा ने पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया के इतिहास और राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस के बारे में जानकारी दी. उन्होंने जी 20 का आदर्श वाक्य एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य एवं ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की अवधारणा जनसंपर्क के पेशे से किस प्रकार संबंधित है इस पर चर्चा की. जनसंचार विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ अमृत कुमार ने भी समाज में जनसंपर्क का महत्व बताया.

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कार्यक्रम में ये थे उपस्थित

डॉ राजेश कुमार ने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से जनसंचार विभाग और आईपीआरडी के दीर्घकालिक सहयोग पर प्रकाश डाला. एमिटी विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग के प्रमुख डॉ सुधीर कुमार ने भी कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त किए और पीआर को ह्यूमन इंजीनियरिंग के रूप में परिभाषित किया. इस कार्यक्रम में सहायक प्रोफेसर डॉ सुदर्शन यादव समेत शोधार्थी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.

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