पैसा लगता है तो लगने दें पर न हो बिजली कटौती : सीएम हेमंत सोरेन

झारखंड का पारा लगातार बढ़ता जा रहा, दूसरी तरफ लगातार लोड शेडिंग हो रही है. ऐसे में लोग गर्मी से बेहाल हैं. सीएम हेमंत सोरेन ने जनता की इस परेशानी को गंभीरता से लिया और विभाग को बिजली कटौती नहीं करने का आदेश दिया. सीएम ने कहा कि बाहर से बिजली खरीदें, पैसा लगता है तो लगने दें.

By Prabhat Khabar | April 15, 2023 9:04 AM

झारखंड में बढ़ती गर्मी से लोग परेशान हैं. गर्मी के कारण राज्य में लगातार बिजली की मांग बढ़ती जा रही है. इस बीच लोड शेडिंग कर बिजली आपूर्ति की जा रही है. मंगलवार से ही राज्य में लोड शेडिंग कर बिजली की आपूर्ति हो रही है. एक तरफ तापमान बढ़ रहा है, दूसरी तरफ लोड शेडिंग. जिससे लोग गर्मी से बेहाल हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसे गंभीरता से लिया और विभाग को बिजली कटौती नहीं करने का आदेश दिया.

सीएम ने ऊर्जा सचिव से ली जानकारी

सबसे पहले सीएम हेमंत सोरेन ने ऊर्जा सचिव अविनाश कुमार से बिजली संकट के संबंध में जानकारी ली. ऊर्जा सचिव ने बताया कि बिजली की मांग बढ़ गयी है. 300 से 400 मेगावाट तक अतिरिक्त बिजली की मांग हो गयी है. इस कारण लोड शेडिंग करनी पड़ रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली की मांग बढ़ गयी है, तो बाहर से बिजली खरीद कर आपूर्ति करें.

किसी भी हालत में बिजली कटौती न हो, जनता को पूरी बिजली मिले

सीएम ने कहा कि अगले तीन महीने की प्लानिंग के साथ 600 मेगावाट बिजली खरीदें. पैसा लगता है तो लगने दें पर बिजली कटौती न हो. जनता को बिजली अबाधित रूप से मिलती रहे, इसकी व्यवस्था करें. इधर सीएम से निर्देश मिलते ही ऊर्जा सचिव सह सीएमडी झारखंड ऊर्जा विकास निगम अविनाश कुमार ने झारखंड बिजली वितरण निगम को अविलंब 600 मेगावाट बिजली खरीदने का निर्देश दिया.

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जेबीवीएनएल के पास नहीं है 600 मेगावाट, भेजा गया डिमांड

शुक्रवार की शाम तक 140 मेगावाट अतिरिक्त बिजली पावर एक्सचेंज मिला. बताया गया कि 600 मेगावाट बिजली उपलब्ध नहीं है. पर जेबीवीएनएल द्वारा डिमांड भेज दिया गया है. जैसे-जैसे बिजली मिलती जायेगी आपूर्ति सुनिश्चित की जायेगी.

शेडिंग जारी, शाम में थोड़ी राहत मिली

इधर, राज्यभर में बिजली की लोड शेडिंग जारी रही. शाम छह बजे के बाद कुछ हद तक हालात सुधरे हैं. पावर एक्सचेंज से 140 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिली. वहीं, सिकिदिरी हाइडल से 100 मेगावाट बिजली मिली. इसके बावजूद लगभग 100 मेगावाट की कमी रही.

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