क्या झारखंड में BJP और JMM के बीच मिट गयी हैं दूरियां? राष्ट्रपति चुनाव के दौरान बदला बदला दि‍खा माहौल

राष्ट्रपति चुनाव के दौरान कल धारखंड विधानसबा में गहमा गहमी का माहौल दिखा. एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन करने के बाद दोनों दलों के नेता खुल के बातचीत करते नजर आये.

By Prabhat Khabar News Desk | July 19, 2022 8:56 AM

रांची : राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सोमवार को झारखंड विधानसभा में गहमागहमी का माहौल रहा. सुबह साढ़े नौ बजे से ही विधायक परिसर में जुटने लगे थे. राष्ट्रपति चुनाव में झामुमो की ओर से एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन किये जाने की घोषणा के बाद से महौल बदला-बदला हुआ था. भाजपा और झामुमो विधायक की ओर से द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में दलील दी जा रही थी. विधायक एक-दूसरे के साथ खुल कर बातचीत कर रहे थे. इनके बीच दलों की दूरियां मिट गयी थी.

राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विधायकों का आने का सिलसिला सुबह साढ़े नौ बजे से ही शुरू हो गया था. सबसे पहले राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के अधिकृत प्रतिनिधि विधानसभा पहुंचे. एनडीए प्रत्यीशी द्रौपदी मुर्मू की ओर से विधायक अनंत ओझा, विधायक भानु प्रताप शाही व विधायक नवीन जायसवाल को अधिकृत प्रतिनिधिनि बनाया गया था.

वहीं यूपीए प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के अधिकृत प्रतिनिधि के तौर पर मंत्री बादल पत्रलेख व कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की मोर्चा संभाल रहे थे. चुनाव में सबसे पहले भाजपा विधायक अनंत ओझा ने मतदान किया. इसके बाद भानु प्रताप शाही व नवीन जायसवाल ने वोट डाले. एनडीए के विधायक एक साथ बस पर सवार होकर विधानसभा पहुंचे.

इसमें आजसू विधायक सुदेश महतो व लंबोदर महतो के साथ-साथ निर्दलीय विधायक अमित यादव शामिल थे. चुनाव में भाजपा विधायक इंद्रजीत महतो को छोड़कर सभी 80 विधायकों ने मतदान किया. अंतिम वोट विधायक सरयू राय ने डाला. चुनाव में माले व राजद विधायक ने यूपीए प्रत्याशी के पक्ष में दिखे.

आदिवासी व वंचित समाज पर कुठाराघात करने वाले के खिलाफ खड़ा होना जरूरी :

माले विधायक विनोद सिंह ने कहा कि झामुमो की सोच हो सकती है कि एक आदिवासी व्यक्ति सत्ता व संविधान के उच्च स्तर पर पहुंचे. मगर यह ज्यादा जरूरी है कि उसे रोका जाये जो आदिवासी व वंचित समाज के हक व अधिकारों पर कुठाराघात कर रहा है. भाजपा ने झारखंड, छत्तीसगढ़ समेत अन्य जगहों पर कॉरपोरेट घरानों के माध्यम से आदिवासी व वंचित समाज के लोगों के अधिकारों पर हनन करने का काम किया है. ऐसे में भाजपा के खिलाफ खड़ा होना जरूरी है.

झामुमो द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति के पद पर देखता चाहता है :

झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि स्पष्ट रूप से ट्राइबल की राजनीति करने वाला झामुमो द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति के पद पर देखना चाहता है. हम इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह बनना चाहते थे, जिसमें एक आदिवासी महिला देश के सर्वोच्च पद पर आसीन हो रही हो. पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन के निर्णय के बाद कोई संशय नहीं है.

पार्टी का निर्णय सर्वोपरि :

वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि पार्टी का निर्णय सर्वपरि है. पार्टी की बदौलत ही मैं यहां हू. पार्टी ने पार्टी ने टिकट दिया तो आज मैं मंत्री हूं. ऐसे में किसी दूसरे उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने का सवाल ही नहीं उठता है.

Posted By: Sameer Oraon

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