झारखंड विधानसभा स्थापना दिवस: रबींद्रनाथ महतो ने कहा- राज्य की कल्पना सदियों पुरानी

रबींद्रनाथ महतो ने कहा कि झारखंड की संकल्पना सदियों पुरानी है. इस संकल्पना को संताल हूल और बिरसा के उलगुलान ने और मजबूती प्रदान की है. इस परंपरा को दिशोम गुरु शिबू सोरेन के नेतृत्व में राज्य गठन के क्रांतिकारियों ने आगे बढ़ाया.

By Prabhat Khabar | November 23, 2022 9:00 AM

विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने कहा कि यह राज्य युवा अवस्था में पहुंच चुका है. आज झारखंड के आंदोलनकारियों के त्याग और बलिदान को याद करने और राज्य ने क्या खोया क्या पाया इसकी समीक्षा करने का दिन है. विधानसभा के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए श्री महतो ने कहा कि 22 वर्षों की अवधि किसी राज्य के जीवनकाल में एक छोटी सी अवधि होती है. परंतु इस छोटी से अवधि में झारखंड विधानसभा ने संसदीय परपंराओं में जो योगदान दिया है, उसे राष्ट्रीय पटल पर भी पहचान मिली है.

उन्होंने कहा कि झारखंड की संकल्पना सदियों पुरानी है. इस संकल्पना को संताल हूल और बिरसा के उलगुलान ने और मजबूती प्रदान की है. इस परंपरा को दिशोम गुरु शिबू सोरेन के नेतृत्व में राज्य गठन के क्रांतिकारियों ने आगे बढ़ाया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में हम राज्य गठन आंदोलन के उन उद्देश्यों के नजदीक पहुंच रहे हैं. मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सरकार अपनी योजनाओं के साथ बेहतरीन तरीके के साथ जन-जन तक पहुंच रही है.

सदन में जनहित की बात करना पक्ष-विपक्ष का दायित्व : आलमगीर

संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि संसदीय प्रणाली में हम कहां खड़े हैं. इस पर हमें आत्मचिंतन करना चाहिए. झारखंड जब अलग राज्य बना था, तब इंदर सिंह नामधारी स्पीकर बने थे. उस वक्त हमने देखा था कि सदन की कार्यवाही कैसे चलती थी. कैसे-कैसे काम को अंजाम दिया जाता था. पक्ष-विपक्ष का दायित्व होता है कि सदन में जनहित की बात करें. सदन का समय व्यर्थ न बर्बाद हो, लेकिन देखा जाता है कि सिर्फ आलोचना में ही समय बर्बाद हो जाता है. कई सदस्य अपने सवाल सदन में नहीं रख पाते.

लोकतांत्रिक संस्थाओं को और मजबूत करने की जरूरत :

विनोद सिंह : बिरसा मुंडा उत्कृष्ट विधायक सम्मान से सम्मानित विधायक विनोद सिंह ने कहा कि यह सम्मान बगोदर और राज्य की जनता को समर्पित है. राज्य गठन के 22 वर्ष बीत गये, लेकिन अभी भी हमें बहुत कुछ करना है. जल, जंगल जमीन से जुड़ी समस्याएं आज भी हैं. हमें लोकतांत्रिक संस्थाओं को और मजबूत करने की आवश्यकता है. सदन में उठाये गये सवालों के आश्वासन पर सरकार गंभीर हो. विधायी प्रक्रिया और पारदर्शी हों.

उन्होंने धनबाद के बाघमारा में कोयला चोरी में चार लोगों की मौत की जांच की मांग की और अपने पिता स्वर्गीय महेंद्र सिंह को याद करते हुए कहा कि किताबों से उनका नाता था. वे विधानसभा से सम्मान के रूप में मिली राशि को पुस्तक खरीदने के लिए अपने विधानसभा क्षेत्र बगोदर के कॉलेजों को देंगे. कार्यक्रम के दौरान संयुक्त सचिव धनेश्वर राणा ने सर्वश्रेष्ठ विधानसभा कर्मी का पुरस्कार मिलने पर संस्कृत में भाषण देकर आभार जताया. धन्यवाद ज्ञापन विधानसभा के प्रभारी सचिव जावेद हैदर ने किया. समारोह में राज्यसभा सांसद महुआ माजी के अलावा वीर- शहीदों के परिजन, खिलाड़ियों के परिजन और विधानसभा कर्मी मौजूद थे.

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