झारखंड : योगदा सत्संग की पहल, आर्थिक रूप से कमजोर 3 छात्रों को दी गयी स्कॉलरशिप

योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया की ओर से हर साल आर्थिक रूप से कमजोर और कुशाग्र बुद्धि के छात्रों को स्कॉलरशिप दी जाती है. इस बार व्यवसायिक पाठ्यक्रम के तीन छात्रों को स्कॉलरशिप दी गयी. इससे न सिर्फ छात्रों को पढ़ाई में सहूलियत होती है, बल्कि उनके घरों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होता है.

By Prabhat Khabar Print Desk | May 5, 2023 8:52 PM

Jharkhand News: योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया (वाईएसएस) ने छात्रवृत्ति कार्यक्रम के तहत नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी, रांची के बीटेक कर रहे तीन छात्रों को स्कॉलरशिप दी गयी. आर्थिक रूप से कमजोर इन तीनों छात्रों को 2,85,000 रुपये की स्कॉलरशिप दी गयी. बता दें इस छात्रवृत्ति पुरस्कार की परीक्षा (स्कॉलरशिप अवार्ड) योगी कथामृत (Autobiography of a Yogi) पुस्तक पर आधारित होती है और यह उन जरूरतमंद छात्रों को दी जाती है जो प्रोफेशनल डिग्री कोर्स कर रहे होते हैं.

इन्हें मिला स्कॉलरशिप

प्रथम और द्वितीय स्थान पर रहे बीटेक मैकेनिकल इंजीनियरिंग के सिद्धांत गोखले और प्रेम प्रकाश को सवा-सवा लाख रुपये की स्कॉलरशिप दी गयी. वहीं, सांत्वना पुरस्कार के रूप में, तृतीय स्थान पर रहे चेरूकुमुदी श्रीवास्तव को 35,000 रुपये का चेक दिया गया. तीनों छात्रों को स्वामी अमरानंद गिरि जी ने चेक प्रदान करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी. स्कॉलरशिप पाकर तीनों छात्र काफी उत्साहित दिखें.

हर साल आर्थिक रूप से कमजारे और कुशाग्र बच्चों को मिलता है स्कॉलरशिप

बता दें कि योगदा सत्संग सोसाइटी हर साल आर्थिक रूप से कमजोर और कुशाग्र बच्चों की शैक्षणिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है. विभाग द्वारा कई श्रेणियों में स्कॉलरशिप दी जाती है. योगदा सत्संग व्यवसायिक पाठ्यक्रम के छात्रों और वंचित सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से संबंधित चुनिंदा स्कूली बच्चों की शैक्षणिक आवश्यकताओं को पूरा किया जाता है.

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स्कॉलरशिप मिलने से आर्थिक स्थिति में होता सुधार

स्कॉलरशिप मिलने से जहां छात्रों को वित्तीय सहायता मिलती है, वहीं उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश में सहूलियत भी मिलती है. इनमें ऐसे कई छात्र हैं जिनके अभिभावक फुटपाथ पर दुकान लगाते हैं और रिक्शा चलाते हैं. स्कॉलरशिप मिलने से इन बच्चों के साथ-साथ उनकी घरों की आर्थिक स्थिति में भी बदलाव आता है.

1917 में योगदा सत्संग की स्थापना

बता दें कि 1917 में स्थापित योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया के संस्थापक गुरुदेव श्री श्री परमहंस योगानंद आध्यात्मिक गौरव ग्रन्थ योगी कथामृत के लेखक हैं. इनके द्वारा स्थापित योगदा सत्संग का उद्देश्य और आदर्श सत्यान्वेशियों को ऐसा पूर्ण और भरा-पूरा जीवन जीने के लिए मार्गदर्शन देना है जो आध्यात्मिक अभ्यासों और मानव-जाति की सेवा के बीच संतुलित स्थापित कर सके.

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