झारखंड में 25 फीसदी लोग नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर की बीमारी से हैं ग्रसित, स्क्रीनिंग कैंपेन चलाने की तैयारी

फैटी लिवर की बीमारी की मुख्य वजह मोटापा और असंतुलित खानपान है. ऐसे में पुरुष और महिलाओं के लिए मोटापा का मानक तय किया गया है. अगर पुरुष की कमर 90 सेंटीमीटर और महिला की 80 सेंटीमीटर से अधिक पायी जाती है, तो उसके फैटी लिवर की जांच की जायेगी.

By Prabhat Khabar | July 30, 2023 5:58 AM

रांची, राजीव पांडेय: झारखंड में लगभग 25 फीसदी लोग नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर की बीमारी से ग्रसित हैं. इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग राज्यभर में स्क्रीनिंग अभियान चलाने की तैयारी में है. इसके लिए एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) तैयार किया जा रहा है. इसके बाद खूंटी और लोहरदगा में पायलट प्रोजेक्ट के तहत विशेष स्क्रीनिंग अभियान चलाया जायेगा.

मोटापा और असंतुलित खानपान है मुख्य वजह

फैटी लिवर की बीमारी की मुख्य वजह मोटापा और असंतुलित खानपान है. ऐसे में पुरुष और महिलाओं के लिए मोटापा का मानक तय किया गया है. अगर पुरुष की कमर 90 सेंटीमीटर और महिला की 80 सेंटीमीटर से अधिक पायी जाती है, तो उसके फैटी लिवर की जांच की जायेगी. ऐसे मरीजों का लिवर फंक्शन टेस्ट कराया जायेगा और आवश्यकता पड़ने पर अल्ट्रासाउंड जांच भी करायी जायेगी. सामान्य रिपोर्ट होने पर वजन कम करने के लिए लाइफस्टाइल में परिवर्तन करने को कहा जायेगा. वहीं, जिसकी रिपोर्ट असामान्य होगी, उन्हें दवा दी जायेगी. पायलट प्रोजेक्ट अगस्त के प्रथम सप्ताह में शुरू किया जायेगा. इसके बाद इस अभियान को पूरे राज्य में चलाया जायेगा.

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इसलिए हो रही फैटी लिवर की समस्या

रिम्स के मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ विद्यापति ने बताया कि फैटी लिवर की समस्या मोटापा के कारण हो रही है. जंक फूड का इस्तेमाल करने और शारीरिक परिश्रम नहीं करने के कारण लिवर पर असर पड़ता है. हालांकि, फैटी लिवर के स्टेज वन और टू को संयमित जीवनशैली अपना कर ठीक किया जा सकता है. लेकिन, स्टेज थ्री के बाद स्थिति बिगड़ जाती है. वजन कम करना बेहद जरूरी है.

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नॉन अल्कोहलिक की होगी स्क्रीनिंग

एनसीडी के स्टेट नोडल अफसरए डॉ एलआर पाठक ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर नॉन अल्कोहलिक की स्क्रीनिंग के लिए एसओपी तैयार किया जा रहा है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत दो जिलों में विशेष अभियान चलाया जायेगा. महिला और पुरुष की मोटापा का आकलन करने के लिए कमर की साइज निर्धारित की गयी है, जिसके आधार पर जांच की जायेगी.

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