झारखंड में टीकाकरण की रफ्तार सुस्त, प्रतिदिन 3 लाख लोगों को टीका देने का है टारगेट लेकिन लक्ष्य से बहुत पीछे

वहीं हेल्थ वर्कर, फ्रंट लाइन वर्कर व 45 प्लस को टीका देने की क्षमता 213700 है, लेकिन इसका 8.25 फीसदी यानी 17630 लोगों का ही टीकाकरण हो पाता है. सूत्रों का कहना है कि टीकाकरण इसलिए कम होता है, क्योंकि राज्य में टीका का स्टॉक कम है. अगर टीका का उपयोग क्षमता के हिसाब से तय कर दिया गया, तो राज्य के कई जिलों को टीका उपलब्ध नहीं हो पायेगा. इससे टीकाकरण अभियान में ब्रेक लग जायेगा.

By Prabhat Khabar | June 23, 2021 8:39 AM

Jharkhand Vaccination News Today रांची : राज्य में कोरोना टीकाकरण की रफ्तार में तेजी लाने के लिए हरसंभव प्रयास हो रहा है, लेकिन इसकी गति अभी भी धीमी ही है. इसका मुख्य कारण है वैक्सीन की कमी. रोज की क्षमता का औसतन 22 से 30 फीसदी तक ही टीकाकरण हो पाता है, जो बहुत कम है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी वैक्सीन बुलेटिन (21 जून के आंकड़े) की मानें, तो झारखंड में प्रतिदिन 300500 लोगों को टीका देने की क्षमता है, लेकिन क्षमता का 29.82 फीसदी यानी अधिकतम 89560 को ही टीका लग पाता है.

वहीं हेल्थ वर्कर, फ्रंट लाइन वर्कर व 45 प्लस को टीका देने की क्षमता 213700 है, लेकिन इसका 8.25 फीसदी यानी 17630 लोगों का ही टीकाकरण हो पाता है. सूत्रों का कहना है कि टीकाकरण इसलिए कम होता है, क्योंकि राज्य में टीका का स्टॉक कम है. अगर टीका का उपयोग क्षमता के हिसाब से तय कर दिया गया, तो राज्य के कई जिलों को टीका उपलब्ध नहीं हो पायेगा. इससे टीकाकरण अभियान में ब्रेक लग जायेगा.

राज्य में टीकाकरण के लिए 3005 केंद्र :

टीकाकरण के लिए राज्य में 3005 केंद्र बनाये गये हैं, जिसमें प्राथमिकता व आयु वर्ग के हिसाब से सेंटर का बंटवारा किया गया है.

हेल्थ वर्कर, फ्रंट लाइन वर्कर व 45 प्लस के लिए सबसे ज्यादा 2137 सेंटर बनाये गये हैं. वहीं 18 से 44 साल के लिए 868 सेंटर हैं. 21 जून काे राज्य में कुल 89560 लोगों को टीका दिया गया, जिसमें 2137 सेंटर पर 56 हेल्थ वर्कर, 528 फ्रंट लाइन वर्कर व 17052 को टीका लगा. वहीं 18 से 44 साल के लोगों के लिए बनाये गये 868 सेंटर पर 56046 काे टीका दिया गया.

राज्य में टीका की उपलब्धता दो से तीन दिन की है. राज्य के पास जैसे ही टीका की उपलब्धता बढ़ेगी, हम अपनी क्षमता का पूरा उपयोग करते हुए अधिक से अधिक टीकाकरण करेंगे.

सुधीर त्रिपाठी, नोडल अधिकारी, इइसी

Posted By : Sameer Oraon

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