विधायक पति की धौंस दिखा कराती हैं हस्ताक्षर

सीआरसी के सचिव ने डीएसइ को लिखा पत्र रांची/बुढ़मू : कांके विधायक की पत्नी सीआरपी रीना देवी दो वर्षों से अनुपस्थित रहते हुए मानदेय ले रही हैं. इस संबंध में राजकीयकृत मवि बुढ़मू के प्रभारी प्रधानाध्यापक सह सीआरसी बुढ़मू के पदेन सचिव राजेश टानाभगत ने जिला शिक्षा अधीक्षक रांची को आवेदन दिया है. आवेदन में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 26, 2017 6:37 AM
सीआरसी के सचिव ने डीएसइ को लिखा पत्र
रांची/बुढ़मू : कांके विधायक की पत्नी सीआरपी रीना देवी दो वर्षों से अनुपस्थित रहते हुए मानदेय ले रही हैं. इस संबंध में राजकीयकृत मवि बुढ़मू के प्रभारी प्रधानाध्यापक सह सीआरसी बुढ़मू के पदेन सचिव राजेश टानाभगत ने जिला शिक्षा अधीक्षक रांची को आवेदन
दिया है.
आवेदन में राजेश टानाभगत ने लिखा है कि सीआरपी रीना देवी ने पिछले दो वर्षों में एक बार भी संकुल संसाधन केंद्र बुढ़मू में कार्य नहीं किया है. वो अपने पति के विधायक होने का धौंस जमाती हैं. अनुपस्थिति विवरणी में एक ही बार में छह माह का हस्ताक्षर करना चाह रहीं थी, लेकिन मैंने इनकार कर दिया.
इससे पूर्व प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी द्वारा जबरन मौखिक रूप से धमका कर अनुपस्थिति पंजी पर मुझसे हस्ताक्षर करवाया जाता था. आवेदन में यह भी आरोप है कि सीआरपी रीना देवी उपस्थिति पंजी व चेकबुक अपने पास रखती हैं, जिससे संकुल संसाधन केंद्र के संचालन में काफी दिक्कत हो रही है. राजेश टानाभगत ने कहा है कि उन्होंने इसका विरोध किया, तो बीइइअो बुढ़मू द्वारा मेरा प्रतिनियोजन राजकीयकृत उत्क्रमित मध्य विद्यालय ओझासाड़म में कर दिया गया.
इधर, इस संबंध में बुढ़मू सीआरसी के अन्य सीआरपी जनक मुंडा ने बताया कि बुढ़मू सीआरसी में वह और रीना देवी सीआरपी के रूप में कार्य करते हैं. सीआरसी में उपस्थिति पंजी नहीं होने के कारण वह एक नयी उपस्थिति पंजी में अपनी हाजिरी बनाते हैं.
क्या कहती हैं रीना देवी
मामले पर सीआरपी रीना देवी ने बताया कि मैं हमेशा अपने कार्य को लेकर क्षेत्र में रहती हूं. जो भी आरोप लगाया गया है वह पूरी तरह निराधार है. उपस्थिति पंजी बुढ़मू सीआरसी में है और सचिव ने चेक बुक अपने पास रखने से इनकार कर दिया था, इसलिए चेक बुक मैंने अपने पास रख लिया.
संकुल साधन सेवी के कार्य
18 विद्यालय को मिला कर एक संकुल बनाया जाता है. एक संकुल में सामान्यत: दो सीआरपी (संकुल साधन सेवी) होते हैं. इनका काम संकुल के अंतर्गत आनेवाले स्कूलों में चलनेवाली विभिन्न गतिविधियों की निगरानी करना तथा इससे संबंधित रिपोर्ट देना होता है. सीआरपी की नियुक्ति सर्वशिक्षा अभियान के तहत की जाती है. मानदेय की 60 फीसदी राशि केंद्र तथा 40 फीसदी राशि राज्य सरकार देती है.

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