झरखंड विधानसभा में कुर्सियों के साथ टूटी मर्यादा, नहीं होनी चाहिए थी ये चार बातें

रांची : सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन विधेयक रांची विधानसभा में पारित हो गया. इस विधेयक को लेकर झारखंड की राजनीति पिछले छह महीने से गरमायी हुई है. राज्य में सीएनटी-एसपीटी एक्ट को लेकर भारी विरोध हुआ है लेकिन आज सता पक्ष और विपक्ष का विरोध संघर्ष का रूप ले लिया. झारखंड की विधानसभा में न सिर्फ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 23, 2016 6:08 PM

रांची : सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन विधेयक रांची विधानसभा में पारित हो गया. इस विधेयक को लेकर झारखंड की राजनीति पिछले छह महीने से गरमायी हुई है. राज्य में सीएनटी-एसपीटी एक्ट को लेकर भारी विरोध हुआ है लेकिन आज सता पक्ष और विपक्ष का विरोध संघर्ष का रूप ले लिया. झारखंड की विधानसभा में न सिर्फ कुर्सियां टूटी बल्कि लोकतंत्र के मंदिर मेंमाननीयों काअलोकतांत्रिक व्यवहार दिखा. विरोध में कुर्सियां तोड़ी गयी. स्प्रे छिड़का गया. बिलकीकॉपीफाड़ी गयी.बात यहां तक ही सीमित नहीं थी सदन में नेताओं ने स्पीकर पर कुर्सियां फेंक दी. विधानसभा के स्पीकर बाल-बाल बचे.

ज्ञात हो कि यह वहीं झारखंड है जहां की विधनसभा अपनी शालीनता, गरिमा के लिए जानी जाती है. मीडिया में कई बार इस बात का जिक्र भी किया गया है. संविधान में विधानसभा की परिकल्पना लोकतंत्र के मंदिर के रूप में भी कही गयी है. यहां राज्य के विभिन्न विधानसभा क्षेत्र से आकर नेता अपनी बात रखते हैं.

झारखंड की विधानसभा में ये चार बात जो नहीं होनी चाहिए थी.

1. विधायकों ने स्पीकर की ओर कुर्सियां फेंक दी. स्पीकर बाल-बाल बचे. स्पीकर को गंभीर चोटें आ सकती थी.

2. विधानसभा में स्प्रे छिड़का गया. आमतौर पर यह स्प्रे शादियों और पार्टियों में छिड़के जाते हैं.

3. विधायक रिपोर्टिंग मेज पर चढ़ गये, जो कतई उचित नहीं है.

4. आसन के साथ अशोभनीय व्यवहार किया गया.

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