परिवार की सुरक्षा देख कर ही बसाया जाये लोगों को

सुनवाई : सरकार ने कोर्ट को बताया, इसलामनगर के लोग चाहते हैं रांची 3 हाइकोर्ट में गुरुवार को इसलाम नगर के विस्थापितों के पुनर्वास को लेकर दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के जवाब को देखते […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 27, 2015 6:15 AM
सुनवाई : सरकार ने कोर्ट को बताया, इसलामनगर के लोग चाहते हैं
रांची 3 हाइकोर्ट में गुरुवार को इसलाम नगर के विस्थापितों के पुनर्वास को लेकर दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के जवाब को देखते हुए प्रार्थी से स्थिति स्पष्ट करने को कहा.
इस पर प्रार्थी के अधिवक्ता सुमित गड़ोदिया ने जवाब देने के लिए समय देने का आग्रह किया. खंडपीठ ने आग्रह स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी.
इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता जय प्रकाश ने शपथ पत्र दायर कर खंडपीठ को बताया कि इसलाम नगर के 137 विस्थापित परिवारों ने राज्य सरकार को आवेदन देकर अपनी चिंताओं से अवगत कराया है. उन्होंने सरकार से कहा है कि उनके परिवार की सुरक्षा को देखते हुए बसाने की कार्रवाई की जाये. वहीं मधुकम के लोगों ने भी सरकार को लिखा है. इसलाम नगर के विस्थापितों को बसाया गया, तो सांप्रदायिक सौहाद्र्र पर असर पड़ सकता है. वैसी परिस्थिति में खंडपीठ से उचित आदेश देने का आग्रह किया गया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी मो शकील ने अवमानना याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया कि पूर्व में कोर्ट ने विस्थापितों के पुनर्वास का आदेश दिया था.
राज्य सरकार ने एक साल के अंदर घर उपलब्ध कराने संबंधी अंडरटेकिंग दी थी, लेकिन अब तक कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया है. उधर, कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार द्वारा 444 विस्थापितों के पुनर्वास के लिए मधुकम में फ्लैट का निर्माण किया गया है. सरकार ने बताया कि 336 फ्लैट हैंडओवर करने के लिए तैयार है. शेष 108 विस्थापितों के लिए स्थल चयन की प्रक्रिया चल रही है.

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