प्रभात खबर की शाम-ए-महफिल आज

रांची : प्रभात खबर रविवार (एक मार्च) को शाम-ए-महफिल कार्यक्रम का आयोजन किया है. मशहूर शायर राहत इंदौरी और मुनव्वर राना शेरो-शायरी से महफिल सजायेंगे. मारवाड़ी कॉलेज सभागार में शाम छह बजे से कार्यक्रम शुरू होगा. मुनव्वर राना और राहत इंदौरी रविवार दोपहर रांची पहुंच रहे हैं. इस कार्यक्रम में सिर्फ पास से ही प्रवेश […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 1, 2015 4:43 AM

रांची : प्रभात खबर रविवार (एक मार्च) को शाम-ए-महफिल कार्यक्रम का आयोजन किया है. मशहूर शायर राहत इंदौरी और मुनव्वर राना शेरो-शायरी से महफिल सजायेंगे. मारवाड़ी कॉलेज सभागार में शाम छह बजे से कार्यक्रम शुरू होगा. मुनव्वर राना और राहत इंदौरी रविवार दोपहर रांची पहुंच रहे हैं. इस कार्यक्रम में सिर्फ पास से ही प्रवेश किया जा सकता है. लोगों से आग्रह किया गया है कि वे शाम छह बजे से पहले स्थान ग्रहण कर लें.

* कौन हैं मुनव्वर राना
शायरी करनेवाले शायर तो आज बहुत हैं, मगर कुछ ही शायर ऐसे हैं, जो समाज के मसलों पर नजर रखते हैं और उन मसलों को अपनी शायरी का विषय बनाते हैं. उनका हर शेर संदेश से भरा होता है. शेर में कही गयी बात हर सुननेवाले को अपनी-सी लगती है. मुशायरों को फिर से जिंदगी लौटानेवालों में उनका भी एक नाम है.
हिंदी-उर्दू शायरी का बड़ा नाम. उत्तर प्रदेश के रायबरेली में पैदा हुए. देश-बंटवारे के दौरान उनके कई रिश्तेदार पाकिस्तान चले गये. मगर सांप्रदायिक उन्माद के बीच उनके वालिद ने हिंदुस्तान में रहना पसंद किया. उनका परिवार कोलकाता चला आया. कई दशकों से अपने मुल्क और मुल्क की सरहदों को पार कर गजल को हिंदुस्तानी तहजीब में ढालकर लोकप्रियता के शिखर पर पहुंचाने वाले लोकप्रिय शायर का नाम है सैयद मुनव्वर अली राना.
* जानिये राहत इंदौरी को
राहत इंदौरी की शायरी अगरबत्ती की ख़ुशबू की तरह आहिस्ता-आहिस्ता फैलती है और हमारे दिल के दरवाजे खोल कर हमारी रूह में उतर जाती है. बचपन से ही राहत साहब को पढ़ने -लिखने का शौक था. एक मुशायरे के सिलसिले में जां-निसार अख्तर इंदौर आये हुए थे. उस वक्त राहत 10वीं कक्षा में थे.
राहत साहब उनसे मिलने पहुंचे और कहा कि हुजूर, मैं शायर बनना चाहता हूं, मैं क्या करूं? जां-निसार अख्तर साहब ने कहा कि अच्छे शायरों का कलाम पढ़ो, सौ-दो सौ शेर याद करो. इस पर 15 बरस के राहत ने जवाब दिया, हुजूर मुझे तो हजारों शेर याद है. उस वक्त जां-निसार अख्तर ने सोचा भी नहीं होगा कि ये बच्चा एक दिन उनके साथ मंच से मुशायरे पढ़ेगा और दुनिया का मशहूर शायर हो जायेगा.
* स्थान : मारवाड़ी कॉलेज सभागार
* समय : शाम छह बजे से

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