झारखंड: ऐसे में कैसे काम करेगा सिस्टम, तीन रेंज के डीआइजी और एसपी में विवाद

राज्य में छह पुलिस रेंज हैं. इसमें तीन रेंज के डीआइजी और तीन जिले के एसपी के बीच विवाद हो गया है. एक जोन के आइजी भी विवाद में आ गये हैं. मामले की शिकायतें पुलिस मुख्यालय तक पहुंच गयी हैं. डीआइजी, एसपी पर तो एसपी, डीआइजी पर अंगुली उठा रहे हैं. मुख्यालय में बैठे […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 20, 2014 9:11 AM

राज्य में छह पुलिस रेंज हैं. इसमें तीन रेंज के डीआइजी और तीन जिले के एसपी के बीच विवाद हो गया है. एक जोन के आइजी भी विवाद में आ गये हैं. मामले की शिकायतें पुलिस मुख्यालय तक पहुंच गयी हैं. डीआइजी, एसपी पर तो एसपी, डीआइजी पर अंगुली उठा रहे हैं. मुख्यालय में बैठे अधिकारी इस तरह के विवाद से हैरान हैं. अधिकारी मानने लगे हैं कि इस तरह के झगड़े से विभाग में प्रशासनिक नियंत्रण खत्म हो सकता है.

रांची: बोकारो रेंज के डीआइजी देवबिहारी शर्मा ने आइजी लक्ष्मण सिंह को पत्र लिखा है. इसकी प्रति पुलिस मुख्यालय को भी दी है. साथ ही आइजी से अनुरोध किया है कि वह उनकी (डीआइजी) की समीक्षा रिपोर्ट देख कर दोबारा मामले की समीक्षा करें. पत्र के मुताबिक चास थाने में दर्ज एक मामले के अभियुक्त दाऊद अंसारी के खिलाफ लगे आरोपों को वहां के डीएसपी बी कुल्लू ने सुपरविजन रिपोर्ट में सही बताया और अभियुक्त की गिरफ्तारी का आदेश दिया था. बोकारो के एसपी ने मामले में रिपोर्ट-दो निकाली, जिसमें अभियुक्त के खिलाफ लगाये गये आरोप को तथ्य की भूल बतायी. इसी मामले की समीक्षा डीआइजी ने की.

डीआइजी ने अभियुक्त के खिलाफ लगे आरोपों को सत्य करार दिया. लेकिन एसपी के स्तर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी. कुछ दिन बाद आइजी ने भी इसी मामले की समीक्षा की और मामले में तथ्य की भूल बतायी. इसके बाद डीआइजी ने आइजी को पत्र लिख कर कहा कि उन्होंने (आइजी) ने जो समीक्षा की है, उसमें उनकी (डीआइजी) की समीक्षा में आये तथ्यों को ध्यान में नहीं रखा गया है. इसलिए मामले की पुनर्समीक्षा करें.

डीआइजी ने प्रतिक्रिया मांगी, एसपी ने कह दिया पूर्वाग्रह से ग्रसित : पाकुड़ के एसपी रिचर्ड लकड़ा पिछले दिनों न्यायालय के काम से रांची आयें और तीन दिन तक यहां रुके. दुमका रेंज की डीआइजी प्रिया दुबे ने जब उनसे बात की, तो एसपी ने बताया कि वह छुट्टी पर हैं. इस पर डीआइजी ने कहा कि आप सरकारी काम से रांची गये थे, वहीं से छुट्टी पर कैसे चले गये. आपको छुट्टी पर जाने और मुख्यालय छोड़ने से पहले डीजीपी की स्वीकृति भी लेनी चाहिए थी. इस पूरे मामले पर डीआइजी ने एसपी को पत्र लिख कर प्रतिक्रिया मांगी. साथ ही इसकी जानकारी पुलिस मुख्यालय को दी. इसके जवाब में एसपी ने डीआइजी को लिखे पत्र में कहा कि आपके स्तर से की गयी कार्रवाई पूर्वाग्रह से ग्रसित है. एसपी ने भी पत्र की प्रति मुख्यालय को दी. इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने डीआइजी से कहा है कि एसपी की प्रतिक्रिया पर अपना मंतव्य दें.

डीआइजी पर जिल बल का मनोबल तोड़ने का आरोप लगाया : सरायकेला के एसपी मदन मोहन लाल ने पुलिस मुख्यालय को पत्र लिख कर कहा है कोल्हान के डीआइजी जिला पुलिस का मनोबल तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. एसपी के पत्र के मुताबिक डीआइजी ने उन्हें सूचना दिये बिना आदित्यपुर थाना जाकर उन पदाधिकारियों के सामने मामले की जांच की, संबंधित लोगों का बयान लिया, जिन पर ट्रक को पकड़ने और फिर छोड़ने का आरोप है. जानकारी के मुताबिक, 31 जुलाई को आदित्यपुर पुलिस ने एक ट्रक पकड़ा था, जिसे जांच के नाम पर रोका गया. फिर उसे छोड़ दिया गया. व्यवसायियों ने इस मामले की शिकायत डीआइजी से की. मामले में किसी विनोद गुप्ता का भी नाम आया, जिसे एसपी का करीबी बताया जाता है. हालांकि एसपी इससे इनकार करते हैं. व्यवसायियों की शिकायत पर डीआइजी मो नेहाल ने आदित्यपुर थाना जाकर संबंधित लोगों का बयान लिया और मामले की जांच की. हालांकि डीआइजी की जांच रिपोर्ट अभी तक पुलिस मुख्यालय नहीं पहुंची है.

‘‘एसपी पाकुड़ तीन दिन तक बिना छुट्टी के ही रांची में रह गये. इस बारे में पूछने पर पूर्वाग्रह का आरोप लगा रहे हैं. झूठ बोल रहे हैं कि उन्होंने छुट्टी की मांग की थी और मैंने उनसे कह दिया था कि छुट्टी मैनेज कर लेना. जबकि छुट्टी मैनेज करने का कोई प्रावधान नहीं है. यह हास्यास्पद है कि एसपी रैंक के अफसर अपनी लिखित प्रतिक्रिया में इसका जिक्र करते हैं. प्रिया दुबे, डीआइजी, दुमका

‘‘ऐसी कोई बात नहीं है. मेरा कोई विवाद नहीं है. पत्र भी नहीं लिखा है.

रिचर्ड लकड़ा एसपी, पाकुड़

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