24 घंटे सीटी स्कैन, एमआरआइ व एक्सरे नहीं पीजी सीटें बढ़ने के बजाय घटने का संकट

रेडियोलॉजी में पीजी सीटें बढ़ाने के लिए एमसीआइ टीम ने किया निरीक्षण रिम्स में वर्तमान में है एमडी रेडियोलॉजी की दो सीट त्रिवेंद्रम मेडिकल कॉलेज से आयी डॉ बीनामोल सीताकुट्टी ने देखी रेडियाेलॉजी सेंटर की व्यवस्था कर्मचारियों से पूछा कि क्या रात में जांच की सुविधा है? यह सुन कर कर्मचारी चुप हो गये रांची […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 19, 2020 1:38 AM
  • रेडियोलॉजी में पीजी सीटें बढ़ाने के लिए एमसीआइ टीम ने किया निरीक्षण
  • रिम्स में वर्तमान में है एमडी रेडियोलॉजी की दो सीट
  • त्रिवेंद्रम मेडिकल कॉलेज से आयी
  • डॉ बीनामोल सीताकुट्टी ने देखी रेडियाेलॉजी सेंटर की व्यवस्था
  • कर्मचारियों से पूछा कि क्या रात में जांच की सुविधा है? यह सुन कर कर्मचारी चुप हो गये
रांची : राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स मेें 24 घंटे सीटी स्कैन, एमआरआइ व एक्सरे की जांच नहीं होती है. प्रबंधन इससे बेपरवाह है. किसी तरह रिम्स अपनी साख बचा रहा था, लेकिन शनिवार को पीजी सीट बढ़ाने के लिए औचक निरीक्षण करने आयी एमसीआइ टीम के सामने रिम्स व रेडियोलॉजी विभाग की पोल खुल गयी.
त्रिवेंद्रम मेडिकल कॉलेज से आयी डॉ बीनामोल सीताकुट्टी जब रेडियाेलॉजी सेंटर पहुंचीं और कर्मचारियों से पूछा कि क्या रात में जांच की सुविधा है? यह सुन कर कर्मचारी चुप हो गये.
निदेशक डॉ दिनेश कुमार सिंह व विभागाध्यक्ष डॉ सुरेश कुमार टोप्पो से डॉ सीताकुट्टी ने कहा कि राज्य के इतने बड़े मेडिकल कॉलेज में जहां सभी जिला के मरीजों का लोड हो अौर जांच की सुविधा 24 घंटे नहीं हो, यह चिंतनीय है.
जानकारी के अनुसार, एमसीअाइ की सदस्य छह पीजी सीट करने के लिए निरीक्षण करने आयी थी. वर्तमान में रिम्स के रेडियोलॉजी विभाग में एमडी की दो सीट है, जिसको बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है. रिम्स निदेशक डॉ दिनेश कुमार सिंह ने अपने स्तर से टीम के सदस्य से बचने का प्रयास किया.
वह दलील देते रहे कि फैकल्टी पर्याप्त है. मशीन पुरानी है, जिसके खरीद की प्रक्रिया चल रही है. मशीन आने के बाद जो भी कमी है उसे दूर करने का प्रयास करेंगे. टीम की सदस्य ने ओपीडी व वार्ड का निरीक्षण भी किया. शाम को टीम की सदस्य के सामने विभाग के फैकल्टी का भौतिक सत्यापन किया गया.
पेइंग वार्ड का फायर सिलिंडर एक्सपायर
रांची. रिम्स के पेइंग वार्ड का फायर सिलिंडर एक्सपायर हो गया है. वार्ड के कई फायर सिलिंडर आठ अप्रैल 2019 को ही एक्सपायर कर गया थे. हालांकि पेइंग वार्ड में चारा घोटाला के सजायाफ्ता लालू प्रसाद सहित दो मरीज भर्ती है. पेइंग वार्ड के निचले तल पर कैंटीन का संचालन होता है. लालू प्रसाद टहलते रहते हैं. ऐसे में अगर किसी प्रकार की आगजनी की घटना होती है तो बड़ा हादसा हो सकता है.

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