साइबर फ्रॉड : फर्जी वेबसाइट प्रोमोट करने के लिए अपराधियों ने गूगल को दिये 5.50 लाख

रांची : साइबर अपराधियों पर नकेल कसने की कवायद किये जाने के बाद भी आये दिन साइबर फ्रॉड के मामले सामने आ रहे हैं. इस बार जमशेदपुर में ठगी से जुड़े मामले की जांच में पुलिस को पता चला है कि साइबर अपराधियों ने लोगों से ठगी के लिए शॉपी पे नाम से फर्जी शॉपिंग […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 9, 2020 7:07 AM
रांची : साइबर अपराधियों पर नकेल कसने की कवायद किये जाने के बाद भी आये दिन साइबर फ्रॉड के मामले सामने आ रहे हैं. इस बार जमशेदपुर में ठगी से जुड़े मामले की जांच में पुलिस को पता चला है कि साइबर अपराधियों ने लोगों से ठगी के लिए शॉपी पे नाम से फर्जी शॉपिंग वेबसाइट बनायी थी. लेकिन इनका धंधा परवान नहीं चढ़ रहा था.
इसके बाद इनलोगों ने अपनी वेबसाइट को प्रोमोट करने के लिए गूगल को चार बार में 5.50 लाख रुपये दिये, ताकि जब भी कोई व्यक्ति ऑनलाइन शॉपिंग के लिए सर्च करे, तो इन लोगों की फर्जी वेबसाइट शॉपी पे लोगों को ज्यादा से ज्यादा दिखायी पड़े. जब लोग इसके जरिये सामान की बुकिंग करेंगे, तो यह लोग उनलोगों को असली की जगह नकली सामान भेज कर उनसे पैसे की ठगी करेंगे. आरोपियों के घर से मिली डायरी से यह खुलासा हुआ है कि वेबसाइट को प्रोमोट करने के लिए चार बार में साइबर अपराधियों ने गूगल को पांच लाख रुपये दिये हैं.
ऐसा मामला पहली बार झारखंड में सामने आया है. इसके अलावा साइबर अपराधी लोगों के कागजात लेकर विभिन्न बैंकों में खाता खुलवा कर उसमें ठगी के रुपये मंगवाते थे. अब तक की जांच में पुलिस ने 13 लाख रुपये गैंग के सरगना महेश पोद्दार के मानगो थाना क्षेत्र स्थित घर से बरामद किया है. साथ ही कई पासबुक, एटीएम कार्ड, चेकबुक सहित अन्य दस्तावेज मिले हैं. पुलिस इसकी जांच कर रही है.
मामले में अभी तक तीन आरोपी राहुल कुमार केसरी, धीरज शर्मा व राकेश महतो को पुलिस ने दो दिन पहले गिरफ्तार किया है. जबकि मामले का मास्टरमाइंड महेश पोद्दार, योगेश कुमार, दीक्षा कुमारी अभी गिरफ्त से दूर हैं. उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस कार्रवाई कर रही है. मामले में जमशेदपुर पुलिस ने पुलिस मुख्यालय के वरीय अधिकारी को रिपोर्ट भेजी है.
वेबसाइट पर किन चीजों की बिक्री का करते थे दावा : पुलिस के अनुसार, शॉपी पे नामक वेबसाइट पर ये लोग ब्रांडेड कंपनी के मोबाइल, लैपटॉप, चश्मा, कॉस्मेटिक सामान, जूता, कपड़ा सहित अन्य सामग्री बेचने का दावा करते थे. लोग सस्ते सामान के चक्कर में अपराधियों के झांसे में फंस जाते थे.
साइबर अपराधियों के यहां से जो डायरी मिली है उससे पता चलता है कि इनलोगों ने शाॅपी पे नामक फर्जी वेबसाइट को प्रोमोट करने के लिए चार बार में 5.50 लाख रुपये दिये हैं. ऐसे साइबर अपराधियों के कारनामे से लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. वे जब भी किसी शॉपिंग साइट को खोलें, तो पहले यह पता कर लें कि वेबसाइट असली है या फर्जी. ऐसा नहीं करने पर साइबर अपराधी आपको निशाना बना सकते हैं.
-अनूप बिरथरे, एसएसपी जमशेदपुर
गूगल को कितना पेमेंट किया
पहली बार दो लाख रुपये
दूसरी बार तीन लाख रुपये
तीसरी बार 30 हजार रुपये
चौथी बार 20 हजार रुपये

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