रांची : रिजल्ट आने के बाद विद्यार्थी दस गुना फाइल करते हैं आरटीआइ

सूचना का अधिकार अधिनियम का हो रहा उपयोग रांची : सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत रांची विश्वविद्यालय में कई सूचनाओं के लिए आवेदन दिये जाते हैं. विद्यार्थी कभी कम अंक को लेकर तो कभी किसी अन्य सूचना के लिए आरटीआइ फाइल करते हैं. लेकिन परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद आरटीआइ फाइल करनेवालों की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 11, 2019 9:30 AM
सूचना का अधिकार अधिनियम का हो रहा उपयोग
रांची : सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत रांची विश्वविद्यालय में कई सूचनाओं के लिए आवेदन दिये जाते हैं. विद्यार्थी कभी कम अंक को लेकर तो कभी किसी अन्य सूचना के लिए आरटीआइ फाइल करते हैं. लेकिन परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद आरटीआइ फाइल करनेवालों की बाढ़ आ जाती है.
इसमें दस गुना इजाफा हो जाता है. इसमें सबसे अधिक भीड़ कॉपी देखनेवालों की होती है. जानकारी के मुताबिक सामान्य दिनों में 10 से 20 विद्यार्थी ही आरटीआइ फाइल करते हैं. लेकिन जैसे ही किसी परीक्षा का रिजल्ट जारी होता है. इसकी संख्या 150 से 200 हो जाती है. नतीजतन विवि प्रशासन भी परेशान हो जाता है. क्योंकि आवेदन लेने के बाद विद्यार्थियों को 30 दिन का समय दिया जाता है. इतने दिनों में उनके सवालों का जवाब देना होता है.
कॉपी देखने की मची रहती है होड़ : आरटीआइ फाइल करनेवालों में 90 प्रतिशत विद्यार्थियों में कॉपी देखने की होड़ मची रहती है. हालांकि आवेदन देने के बाद विद्यार्थियों को समय दिया जाता है कि वे आकर अपनी कॉपी देख सकें. कॉपी देखने के बाद विद्यार्थी आगे की कार्रवाई करते हैं. पीआइओ ऑफिस के कर्मचारी विद्यार्थियों को एक-एक करके कॉपी दिखाते हैं.
पास होने का हथियार बन चुका था आरटीआइ : रांची विवि में कुछ साल पहले आरटीआइ विद्यार्थियों के पास होने का हथियार बन गया था. फेल होने के बाद विद्यार्थी मूल्याकंन सेंटर पर जाकर कर्मचारियों को पैसा देकर पहले अपनी कॉपी में नंबर बढ़वा लेते थे. इसके बाद आरटीआइ फाइल करके अपनी कॉपी देखते थे.
इसके बाद ये दावा करते थे कि वो पास हैं और उनको फेल कर दिया गया है. इसके बाद स्क्रूटनी के लिए आवेदन करते थे और उनकी कॉपी को देखकर उन्हें पास कर दिया जाता था. लेकिन ये मामला सामने आने के बाद विवि प्रशासन ने ग्रिवांस सेल बनाया और ऐसे मामलों पर रोक लग पायी. इसके बाद सावधानी के साथ कॉपियों का मूल्यांकन किया जाता है उसके बाद कॉपी सील कर दी जाती है. जिसके बाद इसको कोई नहीं देख सकता है.
परीक्षा का परिणाम आने के बाद आरटीआइ करनेवालों की संख्या में काफी इजाफा होता है. विद्यार्थी अपनी उत्तरपुस्तिका को देखने के लिए आरटीआइ फाइल करते हैं. उनको समय दिया जाता है कि वे अपनी उत्तरपुस्तिका आकर देखें.
डॉ धीरेंद्र त्रिपाठी, पीआइओ, रांची विवि

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