Jharkhand Election : अब तक ऐसा रहा है पार्टियों का प्रदर्शन, चुनाव में पार्टियां बढ़ीं, प्रत्याशी घटे, देखें Video

मिथिलेश झा रांची : झारखंड में अब तक तीन विधानसभा चुनाव हुए हैं. हर चुनाव में भाग लेने वाली पार्टियों की संख्या बढ़ी है, लेकिन प्रत्याशियों की संख्या में निरंतर गिरावट दर्ज की गयी है. वर्ष 2005 में पहली बार झारखंड विधानसभा के लिए चुनाव हुआ था. उस चुनाव में 6 राष्ट्रीय दलों समेत 50 […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 20, 2019 3:09 PM

मिथिलेश झा

रांची : झारखंड में अब तक तीन विधानसभा चुनाव हुए हैं. हर चुनाव में भाग लेने वाली पार्टियों की संख्या बढ़ी है, लेकिन प्रत्याशियों की संख्या में निरंतर गिरावट दर्ज की गयी है. वर्ष 2005 में पहली बार झारखंड विधानसभा के लिए चुनाव हुआ था. उस चुनाव में 6 राष्ट्रीय दलों समेत 50 पार्टियां शामिल हुईं. निर्दलीयों की भी अच्छी-खासी संख्या थी. वर्ष 2009 में पार्टियों की संख्या बढ़कर 63 हो गयी और 2014 के चुनावों में यही संख्या 65 तक पहुंच गयी. 2005 में कुल 1390 उम्मीदवार मैदान में थे, जबकि 2009 में 1491 लोग चुनाव के मैदान में उतारे गये या उतरे. इस बार प्रत्याशियों की संख्या पिछले चुनाव की तुलना में कुछ ज्यादा थी. वहीं, वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों की संख्या घटकर 1217 रह गयी.

वर्ष 2005 और 2014 में इस राज्य से 6 राष्ट्रीय पार्टियों ने चुनाव लड़ा, जबकि 2009 में 7 राष्ट्रीय पार्टियों ने अपने उम्मीदवार उतारे थे. 2009 में ही राष्ट्रीय पार्टियों ने सबसे ज्यादा 293 उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें मात्र 37 को जीत मिली. वर्ष 2005 में राष्ट्रीय पार्टियों ने 220 और वर्ष 2014 में 240 प्रत्याशी उतारे. 2005 में राष्ट्रीय पार्टियों ने 40 सीटें जीतीं थीं, जबकि 2014 में सबसे ज्यादा 44 उम्मीदवार विधानसभा पहुंचे. भाजपा 37 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी. कांग्रेस को 6 सीटों पर जीत मिली जबकि बसपा के खाते में एक सीट गयी.

वर्ष 2014 के राज्य विधानसभा चुनाव में भाकपा, माकपा, एनसीपी जैसी राष्ट्रीय पार्टियों का खाता भी नहीं खुला. राष्ट्रीय पार्टियों के 240 में से 146 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गयी. सबसे ज्यादा बसपा के 59 और कांग्रेस के 42 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई. भाकपा के 24, माकपा के 12 और एनसीपी के 8 उम्मीदवारों की भी जमानत जब्त हुई. एनसीपी ने 9 उम्मीदवार ही उतारे थे. माकपा के 12 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे थे, कोई भी अपनी जमानत नहीं बचा सका.

क्षेत्रीय दलों की बात करें, तो झारखंड विकास मोर्चा ने 2014 में 73 सीटों पर चुनाव लड़ा और उसके 8 प्रत्याशी विधानसभा पहुंचे. 55 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गयी. राजद के 19 प्रत्याशियों में से 12 की जमानत जब्त हो गयी. झामुमो ने राज्य में सबसे ज्यादा 79 प्रत्याशी उतारे थे. उसके 19 सदस्य विधानसभा पहुंचे और 35 की जमानत जब्त हो गयी. भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली आजसू ने 8 लोगों को टिकट दिया और उनमें से 5 विधायक बने. किसी की जमानत जब्त नहीं हुई.

अन्य राज्यों की 8 पार्टियों (तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी, जनता दल यूनाइटेड, शिव सेना, फॉरवर्ड ब्लॉक, आइयूएमएल और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी) ने 93 उम्मीदवारों को टिकट दिया. इनमें से कोई भी जीत न सका. अलबत्ता 91 की जमानत जब्त हो गयी. इसी तरह पंजीकृत (गैरमान्यताप्राप्त) 47 दलों के 261 में से सिर्फ 5 उम्मीदवार जीत पाये. 251 अपनी जमानत न बचा पाये.

वर्ष 2014 में मात्र 363 निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में थे. कोई जीत नहीं सका. 359 की जमानत जब्त हो गयी. इसके पहले वर्ष 2005 में 662 और 2009 में 647 निर्दलीय चुनाव के मैदान में थे. 2009 में 2 जीते और 642 को अपनी जमानत तक गंवानी पड़ी. वहीं, 2005 में कुल 662 में तीन निर्दलीय विधानसभा पहुंचे और 649 की जमानत जब्त हो गयी.

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