Jharkhand : 50 हजार रुपये से अधिक कैश लेकर चलेंगे, तो हो सकती है परेशानी…

रांची : झारखंड में विधासनभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही है. ऐसे में 50 हजार रुपये से अधिक नकद लेकर न चलें. महंगे और बड़े उपहार के लेन-देन से भी बचें. यदि आप ऐसा करते हैं और कोई निश्चित कारण बताने में नाकाम रहते हैं, तो आपकी परेशानी बढ़ सकती है. इसलिए झारखंड के मुख्य […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 20, 2019 10:54 AM

रांची : झारखंड में विधासनभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही है. ऐसे में 50 हजार रुपये से अधिक नकद लेकर न चलें. महंगे और बड़े उपहार के लेन-देन से भी बचें. यदि आप ऐसा करते हैं और कोई निश्चित कारण बताने में नाकाम रहते हैं, तो आपकी परेशानी बढ़ सकती है. इसलिए झारखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने यह सलाह दी है कि सीमित नकद का ही लेन-देन करें.

झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे ने कहा है विधानसभा चुनाव के सिलसिले में आदर्श आचार संहिता प्रभावी है. निर्वाचन प्रक्रिया की शुचिता और पारदर्शिता बनाये रखने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण को लेकर कई दिशा-निर्देश दिये हैं, जिसका अक्षरशः पालन किया जाना है. अतः बिना निश्चित कारण के 50 हजार रुपये से अधिक नकदी लेकर चलने और बड़े उपहार लेने-देने से बचें.

निर्वाचन आयोग के निर्देश के मुताबिक, उड़नदस्ता टीम, स्थैतिक निगरानी टीम अथवा प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा यदि जांच के दौरान किसी वाहन से 50 हजार रुपये से ज्यादा नकद पाया जाता है या किसी वाहन से अवैध शराब, मादक पदार्थ, ड्रग्स या अवैध हथियार या गैरकानूनी सामान मिलता है अथवा 10 हजार रुपये से ज्यादा कीमत की ऐसी उपहार सामग्री मिलती है, जिसका इस्तेमाल मतदाताओं को प्रलोभन दिये जाने के लिए किये जाने की संभावना हो, तो वह जब्त की जा सकती है.

श्री चौबे ने कहा कि ऐसे वाहनों की जांच और उसकी जब्ती की जानकारी संबंधित व्यक्ति को दी जायेगी. इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी होगी. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा है कि निर्वाचन प्रक्रिया के दरम्यान नकदी लेन-देन से बचें और भारी मात्रा में नकदी लेकर आवागमन न करें.

आम लोगों की शिकायत के निवारण के लिए जिलों में समिति

विनय चौबे ने यह भी कहा कि आम लोगों की शिकायतों का निराकरण करने के लिए हर जिले में तीन अधिकारियों की समिति बनायी गयी है. इस समिति में मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जिला परिषद उप विकास आयुक्त, जिला निर्वाचन कार्यालय में व्यय अनुवीक्षण के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी और जिला कोषागार पदाधिकारी सदस्य होंगे. समिति ऐसे सभी मामलों का अवलोकन करेगी और जब्ती पर निर्णय लेगी.

श्री चौबे ने प्रथम चरण के मतदान की 30 नवंबर की तिथि नजदीक होने के चलते निर्वाचन से जुड़े सभी पदाधिकारियों को मतदाताओं के वोटर स्लिप उनके घरों तक प्राथमिकता के साथ पहुंचाने के भी निर्देश दिये हैं. झारखंड में 30 नवंबर से प्रारंभ होकर 20 दिसंबर तक पांच चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं.

Next Article

Exit mobile version