झारखंड में अब 630 एमबीबीएस की सीटें, हजारीबाग, पलामू, दुमका मेडिकल कॉलेज में इसी सत्र से होगा दाखिला

सुप्रीम कोर्ट का आदेश : 100-100 सीटों पर होगा नामांकन रांची : पलामू, हजारीबाग और दुमका स्थित नवनिर्मित मेडिकल कॉलेज में इसी सत्र में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू होगी. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यह आदेश दिया. एमसीआइ ने तीनों मेडिकल कॉलेज में सत्र आरंभ करने की अनुमति नहीं दी थी. इसके खिलाफ स्वास्थ्य विभाग […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 20, 2019 6:47 AM
सुप्रीम कोर्ट का आदेश : 100-100 सीटों पर होगा नामांकन
रांची : पलामू, हजारीबाग और दुमका स्थित नवनिर्मित मेडिकल कॉलेज में इसी सत्र में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू होगी. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यह आदेश दिया. एमसीआइ ने तीनों मेडिकल कॉलेज में सत्र आरंभ करने की अनुमति नहीं दी थी.
इसके खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिस पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. स्वास्थ्य सचिव डॉ नितिन कुलकर्णी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि तीनों मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 100-100 सीटों पर दाखिला लिया जायेगा. पूर्व में इन कॉलेजों में दाखिले के लिए संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद द्वारा नीट की काउंसिलिंग पर रोक लगा दी गयी थी.
क्या है मामला : राज्य सरकार ने पलामू, दुमका और हजारीबाग में नये मेडिकल कॉलेज की स्थापना की है. तीनों मेडिकल कॉलेज के भवन निर्माण का शिलान्यास 23 फरवरी 2017 को किया गया था. भवन निर्माण होने के बाद 17 फरवरी 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों मेडिकल कॉलेज का उदघाटन किया. तीनाें मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए केंद्र सरकार द्वारा 340.20 करोड़ रुपये और राज्य सरकार द्वारा 392.89 करोड़ रुपये (कुल 733.09 करोड़)रुपये आवंटित किये गये थे.
इसके बाद राज्य सरकार ने सत्र आरंभ करने के लिए एमसीआइ के पास आवेदन दिया. एमसीआइ ने कई कमियां बता कर (खासकर स्टाफ की नियुक्ति न होने की बात कह कर) मान्यता देने से इनकार कर दिया.
वहीं, देवघर में एम्स को मान्यता प्रदान कर दी. इधर, राज्य सरकार दाखिले को लेकर तैयारी पूरी कर चुकी थी. मेडिकल कॉलेज के लिए आवश्यक शर्त को पूरा करने के लिए तीनों जिलों के सदर अस्पताल का जीर्णोद्धार कर 300-300 बेड की क्षमता वाला बनाया गया. बावजूद एमसीआइ ने तीनों मेडिकल कॉलेज में सत्र आरंभ करने की मान्यता नहीं दी. इसके बाद राज्य सरकार ने जुलाई में सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर किया.
सुप्रीम कोर्ट में दायर रिट में एमसीआइ की सारी आपत्तियों को पूरा करने की बात कही सुप्रीम कोर्ट में दायर रिट में राज्य सरकार ने तीनों मेडिकल कॉलेजों के भवन तैयार होने तथा बहाली की बात कही. कहा गया कि तीनों मेडिकल कॉलेज में 89 प्रतिशत रिक्त पदों को भर लिया गया है. सरकार ने इसी साल पढ़ाई शुरू करने के लिए राज्य में डॉक्टरों की भारी कमी को आधार बनाया है.
पूर्व में एमसीआइ द्वारा गिनायी गयी कमियां दूर नहीं होने के लिए लोकसभा चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता लागू होने को भी जिम्मेदार बताया गया. वहीं, एमसीआइ की सारी आपत्तियों को पूरा कर लेने की बात भी कही गयी है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा तीनों मेडिकल कॉलेज के लिए प्रोफेसर के 76 तथा एसोसिएट प्रोफेसर के 93 पदों पर नियुक्ति कर इन्हें पदस्थापित करने की बात भी कही. सारी बातों पर गौर करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसी सत्र से दाखिला लेने की अनुमति प्रदान कर दी.
झारखंड में अब 630 एमबीबीएस की सीटें
तीन नये मेडिकल कॉलेज के आरंभ होते ही झारखंड में छह मेडिकल कॉलेज हो जायेंगे. वहीं, केंद्र सरकार द्वारा देवघर में एम्स की स्थापना की गयी.
इससे अब राज्य के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की सीटें 630 हो जायेंगी. रिम्स रांची में 180, एमजीएम जमशेदपुर में 50, पीएमसीएच धनबाद में 50, एम्स देवघर में 50 के अलावा पलामू्, दुमका व हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 100-100 सीटों पर पढ़ाई होगी.

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