सोन नदी और गंगा नदी में बिछायी पाइपलाइन
रांची : सार्वजनिक क्षेत्र की गैस कंपनी गेल (इंडिया) ‘ऊर्जा गंगा गैस पाइपलाइन परियोजना’ के तहत जगदीशपुर-हल्दिया-बोकारो-धामरा के बीच 3400 किमी लंबी गैस पाइपलाइन बिछा रही है. यह देश की सबसे लंबी पाइपलाइन है. इस परियोजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए मेकन ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा नदी और बिहार में सोन नदी […]
रांची : सार्वजनिक क्षेत्र की गैस कंपनी गेल (इंडिया) ‘ऊर्जा गंगा गैस पाइपलाइन परियोजना’ के तहत जगदीशपुर-हल्दिया-बोकारो-धामरा के बीच 3400 किमी लंबी गैस पाइपलाइन बिछा रही है. यह देश की सबसे लंबी पाइपलाइन है. इस परियोजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए मेकन ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा नदी और बिहार में सोन नदी के नीचे पाइपलाइन बिछायी है.
इस बाबत मेकन के अधिकारी ने बताया कि कंपनी की टीम ने सोन नदी में 4184.70 मीटर और गंगा नदी में 1648.20 मीटर पाइपलाइन बिछायी है. उन्होंने कहा कि जमीन के नीचे पाइपलाइन बिछाना आसान होता है, जबकि नदी में यह काम बेहद मुश्किल. इसमें नदी के बहाव और वातावरण के प्रदूषण का भी ध्यान रखना पड़ता है.
ऐसे में मेकन ने होरिजोंटल डायरेक्शन ड्रीलिंग (एचडीडी) पद्धति से नदी के आरपार पाइपलाइन बिछायी है. नदी से 300 मीटर पहले ही जमीन के नीचे 30 इंच व्यास का छेद कर पाइपलाइन डाली गयी है. वहीं, नदी में हाई फ्लड एरिया से 35 मीटर नीचे पाइपलाइन बिछायी गयी, ताकि बाढ़ आने पर पाइपलाइन को कोई नुकसान नहीं हो.
क्या है ऊर्जा गंगा गैस पाइपलाइन परियोजना
‘ऊर्जा गंगा गैस पाइपलाइन परियोजना’ केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है. इसका उदघाटन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में वाराणसी से किया था. इसके तहत उत्तर प्रदेश से लेकर ओड़िशा तक गैस पाइपलाइन बिछायी जायेगी.
इसी पाइपलाइन के जरिये लोगों के घरों तक रसोई गैस की आपूर्ति की जायेगी. फिलहाल, यह पाइपलाइन उत्तरप्रदेश में इलाहाबाद, जौनपुर, वाराणसी एवं चंदौली और बिहार में कैमूर वह रोहतास होते हुए गया तक आ गयी है. झारखंड में यह पाइपलाइन बोकारो और सिंदरी से होकर गुजरेगी, जिससे झारखंड के शहरों को जोड़ा जायेगा.
जगदीशपुर-हल्दिया-बोकारो-धामरा के बीच बिछायी जा रही है 3400 किलोमीटर लंबी गैस पाइपलाइन
मेकन ने एचडीडी पद्धति से सोन नदी में 4184.70 मीटर और गंगा में 1648.20 मीटर पाइपलाइन बिछायी