रांची : 2.6 लाख में 4.23 एकड़ जमीन खरीदी, फिर 14.76 करोड़ में बेची

सीएनटी-एसपीटी का दुरुपयोग कर रहीं मिशनरी संस्थाएं : भाजपा रांची : भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव और शिवपूजन पाठक ने सोमवार को प्रेस वार्ता कर कहा कि कुछ मिशनरी संस्थाओं द्वारा सीएनटी-एसपीटी कानून का दुरुपयोग किया जा रहा है. नामकुम अंचल के खाता नंबर तीन एवं 142 के प्लॉट नंबर 170, 171, 172,173,174 ,176,177 […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 23, 2019 8:27 AM
सीएनटी-एसपीटी का दुरुपयोग कर रहीं मिशनरी संस्थाएं : भाजपा
रांची : भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव और शिवपूजन पाठक ने सोमवार को प्रेस वार्ता कर कहा कि कुछ मिशनरी संस्थाओं द्वारा सीएनटी-एसपीटी कानून का दुरुपयोग किया जा रहा है. नामकुम अंचल के खाता नंबर तीन एवं 142 के प्लॉट नंबर 170, 171, 172,173,174 ,176,177 की 4.23 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री गड़बड़ी कर की गयी है. प्रतुल ने कहा कि सर्वप्रथम ब्रदर सिरिल लकड़ा ने वर्ष 2004 -2005 में मुंडा खतियान की जमीनों को सस्ती कीमत पर खरीदा था. रिंग रोड के पास स्थित इस 4.23 एकड़ जमीन की कुल कीमत सिर्फ 2.6 लाख रुपये लगायी गयी. इसे 13 साल बाद 4.76 करोड़ रुपये में बेच दिया.
ब्रदर सिरिल ने तीन अलग-अलग दस्तावेजों में अपने तीन अलग-अलग पता का जिक्र किया है. संबंधित अथॉरिटी से परमिशन लेने के लिए भी इन्होंने अपना गलत पता बताया. ब्रदर सिरिल लकड़ा ने किसी दस्तावेज में अपना पता नामकुम बताया, तो किसी में इनका पता गुमला और पुरुलिया रोड, रांची बताया गया है.
उन्होंने पिछले वर्ष इसी 4.23 एकड़ जमीन को गेल को 4.76 करोड़ में बेच दिया. 13 वर्षों में इस जमीन पर उन्होंने 183 गुना लाभ कमाया. इस जमीन को व्यक्तिगत स्तर पर ब्रदर सिरिल ने खरीदा, जबकि बेचते समय मिशनरी संस्थाएं सामने आ गयीं. गेब्रियल सोसाइटी शैक्षणिक संस्था के रूप में निबंधित है और इसका मुख्यालय रोम में है. भाजपा लंबे समय से कह रही है कि मिशनरी संस्थाएं सामाजिक कार्यों को छोड़ कर दूसरे अनैतिक कार्यों में भी लगी हैं. गरीब आदिवासियों की जमीन को यहां के स्थानीय फादर और ब्रदर्स को आगे करके खरीदा जाता है.

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