Success Story : रांची की मुन्नावती आठ साल तक पढ़ाई से दूर रहीं, ईंट-भट्ठा पर मजदूरी कर बनी यूनिवर्सिटी टॉपर

रांची : झारखंड की राजधानी रांची में रहती हैं मुन्नावती. 1998 में मैट्रिक की परीक्षा पास की. वर्ष 2005 तक पढ़ाई-लिखाई से पूरी तरह दूर रहीं. इसी साल ईंट-भट्ठा पर काम करना शुरू किया. मजदूरी भी की. फिर इच्छा जगी की पढ़ाई शुरू करें. मुन्नावती ने बेड़ो के करमचंद भगत कॉलेज में दाखिला लिया. संस्कृत […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 21, 2019 11:32 AM

रांची : झारखंड की राजधानी रांची में रहती हैं मुन्नावती. 1998 में मैट्रिक की परीक्षा पास की. वर्ष 2005 तक पढ़ाई-लिखाई से पूरी तरह दूर रहीं. इसी साल ईंट-भट्ठा पर काम करना शुरू किया. मजदूरी भी की. फिर इच्छा जगी की पढ़ाई शुरू करें. मुन्नावती ने बेड़ो के करमचंद भगत कॉलेज में दाखिला लिया. संस्कृत की पढ़ाई शुरू की और अब वर्ष 2019 में यूनिवर्सिटी की टॉपर बनी हैं. एमए में उन्हें गोल्ड मेडल मिला है. इसके साथ ही सरकारी नौकरी भी मिल गयी है. पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेंड टीचर नियुक्त हुई हैं मुन्नावती.

झारखंड की राजधानी रांची के डोलइंचा गांव की रहने वाली मुन्नावती को नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने शनिवार को नियुक्ति पत्र सौंपा. राजकीय प्लस-टू हाई स्कूल में नियुक्ति का पत्र मिलने के बाद खुशी से मुन्नावती की आंखें भर आयीं. वह कहती हैं कि गरीब परिवार से हूं. इसलिए मजदूरी करना हमारी नियति है. शिक्षा के दम पर अब मैंने एक मुकाम हासिल किया है. शिक्षिका के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करूंगी.

मजदूर से शिक्षक बनी मुन्नावती ने कहा कि जेएसएससी की पीजी ट्रेंड टीचर की नियुक्ति परीक्षा पास करने के बाद उन्हें यह मुकाम मिला है. वर्षों की मेहनत और संघर्ष रंग लायी है. इसे बेकार नहीं जाने देंगी. बच्चों को बेहतर शिक्षा देंगी, ताकि उन्हें पढ़ाई-लिखाई में कोई दिक्कत न हो. मुन्नावती की उसकी दो बड़ी बहनों की शादी हो चुकी है. एक भाई भी है. परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण 1998 में दसवीं के बाद पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी. अब उसका भी मलाल नहीं है.

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